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पहले चरण में भाजपा का 'अपरहैंड', युवा मुस्लिम वोटर भाजपा को वोट करने के पक्ष में
BY Suryakant Pathak13 Feb 2017 2:40 AM GMT
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Suryakant Pathak13 Feb 2017 2:40 AM GMT
यूपी में पहले चरण के मतदान ने अब तक सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए तो इसका कारण युवा मतदाताओं का उत्साह रहा है। हालांकि, बढ़े मत प्रतिशत को 2014 के लोकसभा चुनाव की तरह किसी दल के 'क्लीन स्वीप' वाली स्थिति का संकेत नहीं माना जा रहा है।
चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि 73 सीटों के संपन्न चुनाव में त्रिकोणीय से लेकर चतुष्कोणीय मुकाबले हुए हैं लेकिन भाजपा 'अपरहैंड' रही है। भले वह दूसरे दलों से दो कदम ही आगे क्यों न हो।
पश्चिम यूपी की सियासत पर नजर रखने वाले बताते हैं कि पिछले लोकसभा चुनाव की तरह इस विधानसभा चुनाव में वहां ध्रुवीकरण नहीं हुआ है। जिन सीटों पर मुस्लिम वोटरों का ध्रुवीकरण हुआ भी, वह एक किसी दल विशेष पर केंद्रित नहीं रहा है। यह भाजपा को हराने की स्थिति में नजर आने वाले प्रत्याशी के पक्ष में हुआ है।
इनमें बसपा के साथ-साथ सपा-कांग्रेस गठबंधन भी पसंद बनी है। कई सीटों पर मुस्लिम वोट बंटे भी हैं। इसी तरह जाटों का वोट राष्ट्रीय लोकदल को तो गया ही है, वह भाजपा व अन्य दलों के पक्ष में भी गया है।
युवा मुस्लिम वोटर भाजपा को वोट करने के पक्ष में
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में राजनीतिशास्त्री डा. संजीव शर्मा कहते हैं कि चुनाव में वोटिंग बढ़ना अच्छा संकेत है। यह मतदाताओं की जागरूकता दिखाता है। शायद यही वजह है कि इस चुनाव में ना तो लोकसभा चुनाव की तरह धार्मिक ध्रुवीकरण हुआ है और ना ही इस बार जिस तरह लोग उम्मीद कर रहे थे उस तरह जातीय ध्रुवीकरण।
मुस्लिम वोटर बसपा के साथ गया है तो जहां मजबूत प्रत्याशी मिला है सपा-कांग्रेस गठबंधन के भी पक्ष में गया है। इसी तरह जाट वोटर आरएलडी के साथ-साथ भाजपा के भी पक्ष में गए हैं।
युवा मुस्लिम वोटर भाजपा को चांस देने के पक्ष में दिख रहा है। बेशक अभी इसकी संख्या सीमित है। शर्मा कहते हैं कि बीएसपी ने बेहतर वापसी की है लेकिन बीजेपी प्रथम स्थान पर है। यहां गठबंधन तीसरे पर जाएगा।
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