बुखारी की अपील- बसपा का समर्थन करें मुस्लिम, क्या कोई सुनता है इनकी
BY Suryakant Pathak10 Feb 2017 6:18 AM GMT
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Suryakant Pathak10 Feb 2017 6:18 AM GMT
कभी भाजपा, कभी सपा तो कभी बसपा के पक्ष में पाला बदलने वाले दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैय्यद अहमद बुखारी ने इस विधानसभा चुनाव में फिर से बसपा के समर्थन की अपील की है।
पहले चरण के लिए प्रचार खत्म होने के बाद बुखारी गुरुवार को अचानक लखनऊ पहुंचे। यहां एक होटल में उन्होंने सपा अध्यक्ष व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर मुसलमानों को धोखा देने का आरोप लगाया।
बुखारी ने कहा कि 20 प्रतिशत मुसलमानों ने 18 प्रतिशत यादवों की सरकार बनवाई लेकिन सत्ता में आने के बाद अखिलेश यादव ने मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया। जो मुख्यमंत्री अपने पिता मुलायम सिंह यादव का नहीं हुआ, वह मुसलमानों का क्या होगा?
बुखारी से सवाल हुआ कि क्या वह अपने दामाद उमर का एमएलसी की सीट से इस्तीफा दिला देंगे? उमर सपा से एमएलसी हैं। बुखारी ने कहा कि यह सवाल उमर से करना चाहिए। क्या दूसरा दामाद आगे बसपा के साथ कोई चुनाव नहीं लड़ेगा और लाभ नहीं लेगा? बुखारी इस सवाल को अनसुना कर टाल गए।
इसके बाद सवाल हुआ कि तीन बार भाजपा के साथ सरकार बना चुकी बसपा, क्या इस चुनाव में सीटें कम रहने पर फिर भाजपा से मिलकर सरकार नहीं बनाएगी? उन्होंने इसका सीधा जवाब न देकर कहा कि सपा को लोकसभा चुनाव में पांच सीटें भाजपा ने ही जितवाई थीं। सपा-भाजपा में भी अंदरूनी मिलीभगत है।
बसपा से दूसरे दामाद को एमएलसी व मंत्री बनाने की डील कर रहे बुखारी : नूरानी
दूसरी ओर मुस्लिम मजलिस ए अमल के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बिलाल नूरानी ने आरोप लगाया है कि इमाम बुखारी बसपा से डील के तहत अपील कर रहे हैं।
उन्होंने बसपा के सत्ता में आने पर अपने दूसरे दामाद को एमएलसी और मंत्री बनवाने की डील की है। प्रदेश की जनता उनकी असलियत जान गई है। वह उनकी अपील पर गौर करने वाली नहीं है।
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