राजनाथ सिंह ने अपने प्रेस कान्फ्रेंस मे कौन-कौन से मुद्दे उठाए, जानिए यहाँ
मोदी सरकार मे गृहमंत्री एवं भाजपा के कद्दावर नेता राजनाथ सिंह ने आज लखनऊ मे स्थित भाजपा के प्रदेश कार्यालय पर सभा की। उस सभा मे उन्होने इन मुद्दों को उठाया –
1. भाजपा ही उत्तर प्रदेश की एकमात्र विकल्प : भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता राजनाथ सिंह ने प्रेस को संबोधित करते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता के लिए भाजपा ही एकमात्र विकल्प है। जनता ने मन बना लिया है कि इस बार वह अपने प्रदेश मे शासन करने की बागडोर भाजपा को सौपेगी।
2. व्यापार के सही मार्ग की हिमायत : भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता राजनाथ सिंह ने प्रेस को संबोधित करते हुये कहा कि मैं यह अच्छी तरह जनता हूँ कि उत्तर प्रदेश ही नहीं इस देश का व्यापारी सही ढंग से अपना व्यापार करना चाहता है। वह बिना कर की चोरी किए मुनाफा कमाना चाहता है । लेकिन कुछ लोग उसे अधिक लालच दिखा कर उसे गलत कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं।
3. नोटबंदी का फैसला देशहित मे : भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता राजनाथ सिंह ने प्रेस को संबोधित करते हुये कहा कि नोटबंदी का फैसला राजनीतिक लाभ लेने के लिए नहीं किया गया है। बल्कि राष्ट्रहित के लिए किया गया है। इसे राजनीति से जोड़ना उचित नहीं है।
4. पीढ़ियाँ कैसे सुखी रहें, यह है हमारी सोच : भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता राजनाथ सिंह ने प्रेस को संबोधित करते हुये कहा कि हम राजनीति मे बने रहने या चुनाव जीतने के लिए राजनीति नहीं करे हैं। बल्कि हम राजनीति इसलिए करते हैं कि आपने वाली पीढ़िया सुखी रहें ।
5. सपा – कांग्रेस गठबंधन अवसरवादी : समाजवादी और कांग्रेस ने जो गठबंधन किया है, वह सत्ता मे बने रहने के लिए किया है। दोनों ही पार्टियां इस प्रदेश को लूटना चाहती हैं, उन्हे डर है कि कहीं भाजपा की सरकार आ गई तो हमने जो भ्रष्टाचार किया है, उसकी पोल खुल जाएगी।
6. किसानों की कर्ज माफी : भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता राजनाथ सिंह ने प्रेस को संबोधित करते हुये कहा कि यदि हमारी सरकार बनी तो हम किसानों का कर्ज माफ कर देंगे ।
7. आतंकवाद का किसी धर्म से संबंध नहीं : भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता राजनाथ सिंह ने प्रेस को संबोधित करते हुये कहा कि हम आतंकवाद को किसी भी धर्म से नहीं जोड़ते। हमारे लिए सभी धर्म बराबर हैं। लेकिन एक ही धर्म के लोग ही इसमे क्यों लिप्त हैं, यह सोचने की बात है।
– प्रो. (डॉ.) योगेन्द्र यादव