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उत्तर प्रदेश

कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र और उसकी खामियाँ

कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र और उसकी  खामियाँ
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जब कोई दल गठबंधन करके विधानसभा का चुनाव लड़ रहा हो, ऐसे मे उसका घोषणा पत्र भी समूहिक होना चाहिए। लेकिन उत्तर प्रदेश मे कांग्रेस और सपा गठबंधन करके चुनाव लड़ने के बाद भी दोनों दलों ने अपने-अपने घोषणा पत्र अलग – अलग जारी किए हैं। माना कि समाजवादी पार्टी ने अपना घोषणा पत्र पहले जारी कर दिया था, ऐसी अवस्था मे कांग्रेस को कोई पूरक घोषणा पत्र जारी करके इति श्री कर लेनी चाहिए थी। लेकिन कांग्रेस ने नया घोषणा पत्र जारी कर दिया। आइये उनके लोक-लुभावने वायदों की थोड़ी बहुत जांच-पड़ताल कर लेते हैं।

1. किसानों का कर्जा माफ – कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र मे किसानों के कर्ज माफ करने का वायदा किया है। लेकिन इसमें किन किसानों को शामिल किया गया, उसका उल्लेख नहीं किया गया। यदि इसे इसी रूप मे लागू किया जाएगा, तो इसका लाभ एक बार फिर वे बड़े किसान उठाएंगे, जो अपने व्यापार या दूसरे काम के लिए बैंको से उधार लेते हैं और खूब लाभ अर्जित करते हैं।

2. बिजली का बिल हाफ – कांग्रेस पार्टी का यह दूसरा लोक लुभावन वायदा है। लेकिन इस वायदे मे यह नहीं बताया गया है कि बिजली का बिल केवल गरीबी रेखा से नीचे वालों के माफ किए जाएंगे या सभी के। यदि सभी के बिजली बिल हाफ कर दिये जाएँगे, तो फिर बिजली और उससे जुड़े उद्योगों को भारी घाटा उठाना पड़ेगा।

3. सायकिल का छात्राओं मे मुफ्त वितरण – बिहार सरकार से प्रभावित होकर कांग्रेस ने इस मुद्दे को अपने घोषणा पत्र मे शामिल किया गया है। इसमे यह खुलासा किया गया है कि कक्षा 9 से लेकर 12 तक की सभी छात्राओं को मुफ्त मे सायकिल दी जाएगी। उत्तर प्रदेश मे यह भी लागू करने के लिए विशेष बजट की जरूरत पड़ेगी। समाजवादी पार्टी पहले से ही पंजीकृत मजदूरों को सायकिल दे रही है।

4. प्रकाश सिंह के मामले के अनुसार पुलिस व्यवस्था मे सुधार – कांग्रेस ने भी उत्तर प्रदेश की पुलिस को सुधारने के लिए अपने घोषणा पत्र मे जो वायदा किया है, उससे समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के सुधार प्रक्रिया मे अलग होने के कारण टकराहट हो सकती है। जबकि अखिलेश अपने हिसाब से पुलिस प्रणाली मे पहले से ही सुधार कर रहे हैं ।

5. पाँच वर्षों मे 50 लाख नौकरियों का वायदा – कांग्रेस के उत्तर प्रदेश के बेरोजगारों को लुभाने के लिए आगामी 5 वर्षों मे 50 लाख नौकरियों देने का वायदा किया है। यह कहना तो बहुत आसान है, लेकिन इसे पूरा करना बहुत कठिन जान पड़ता है। देखना यह है कि कांग्रेस किस तरह से नौकरिया देती है, जिसका खुलासा कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र मे नहीं किया है।

6. पंचयत मे महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण – प्रदेश की महिलाओं को अपने पक्ष मे खीचने के लिए कांग्रेस ने यह भी शिगूफ़ा छोड़ा है। इसके लिए बड़े दिल और बड़े वैधानिक बदलाव की जरूरत है। देखना यह है कि कांग्रेस अपने इस वायदे को पूरा करने के लिए क्या कदम उठाती है।

7. स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा – कांग्रेस की यह एक अच्छीपहल मानी जा सकती है। अब देखना यह है कि स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन और उनके द्वारा बनाए गए सामानों की बिक्री सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस क्या-क्या कदम उठाती है।

8. लघु उद्योगों एवं स्वरोजगार के लिए आसान कर्ज – प्रदेश की बेरोजगारी मे कांग्रेस का यह कदम बड़ा उपयोगी सिद्ध हो सकता है। अब देखना यह है कि इस कदम को पूरा करने के लिए वह कितने त्वरित गति से काम करती है।

इसके अलावा भी कांग्रेस ने और कुछ मुद्दों को शामिल किया है। दरअसल उनके घोषणा पत्र मे उनही मुद्दों को शामिल किया गया है। जिसकी राहुल गांधी समय-समय पर अपनी सभाओं मे उल्लेख करते रहते थे। यह सभी लोक लुभावने वायदे पूरा हों, और उत्तर प्रदेश की जनता खुशहाल बने। जनता की आवाज इसके लिए उन्हे शुभकामनायें प्रेषित करती है।

- प्रो. (डॉ.) योगेन्द्र यादव

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