अमित शाह ने यादवों से जोड़ा रोटी का 'नाता'
यूपी में 9 % वोट यादवों के हैं। परंपरागत तौर पर एसपी के वोटर माने जाने वाले यादवों की खासियत यह है कि जिसके साथ भी जुड़ते हैं संगठित जुड़ते हैं। मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की अलग राहों ने न केवल एसपी को कमजोर किया है बल्कि उनके वोटरों के लिए भी असमंजस की स्थिति पैदा की है। यह मौका बीजेपी गंवाना नहीं चाहती है।
BY Suryakant Pathak31 July 2017 2:35 AM GMT

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Suryakant Pathak31 July 2017 2:35 AM GMT
लखनऊ : जुगौली में जिस रोड पर 'अखिलेश यादव की प्रेरणा से जुगौली के सौंदर्यीकरण' का बोर्ड लगा था उसी रोड पर सोनू यादव से 'रोटी का नाता' जोड़कर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी से यादवों को जोड़ने का 'रोडमैप' तैयार किया। राज्यों के दौरे पर अब तक दलित कार्यकर्ता के घर भोजन करते आ रहे हैं। यूपी में इस बार उन्होंने यादव कार्यकर्ता को चुना। जुगौली बूथ के अध्यक्ष सोनू यादव के घर पर रविवार को शाह के साथ लंच साझा करने वालों में सीएम योगी आदित्यनाथ, डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व दिनेश शर्मा मौजूद थे।
लखनऊ के तीन दिवसीय दौरे पर आए अमित शाह ने पहले दिन ही जिलाध्यक्षों और जिला प्रभारियों की बैठक में यादवों और जाटवों को जोड़ने के लिए विशेष कार्ययोजना पर काम करने को कहा था। अगले ही दिन शाह ने उस पर अमल भी शुरू कर दिया। पार्टी रणनीतिकारों ने लंच के लिए एक दलित और एक यादव कार्यकर्ता का घर चिह्नित किया था। गैर यादव ओबीसी वोटों को बीजेपी के पक्ष में लामबंद कर चुके शाह ने यादव कार्यकर्ता का घर चुना। जुगौली के जिस बूथ के अध्यक्ष का घर चुना गया उसमें भी सियासी संदेश था।
घर के बाहर मजार और अंदर मंदिर बना था। मेजबान सोनू के मुताबिक बूथ में करीब 2500 वोटर हैं जिसमें 850 यादव हैं। शाह ने उनके बीच संदेश देने की कोशिश की कि बीजेपी उनसे निकटता व उनके हितों की रक्षा की पक्षधर है। शाह के साथ यूपी प्रभारी ओम माथुर, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश, राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन, राष्ट्रीय सचिव अरुण सिंह और कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक भी मौजूद थे।
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