कांग्रेस बोली-चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के फैसलों से नाराजगी, पार्टी ने गिनाए महाभियोग लाने के कारण
महाभियोग प्रस्ताव के लिए कांग्रेस ने विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई थी, मगर इसमें समाजवादी पार्टी, राजद, तमिलनाडु की डीएमके और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने हिस्सा नहीं लिया।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा के कई फैसलों पर नाराजगी जताते हुए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस उनके खिलाफ महाभियोग लाने में जुटी है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाब नबी आजाद की अगुवाई में विपक्ष ने उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू को महाभियोग प्रस्ताव की नोटिस दी। जिस पर 71 सांसदों के हस्ताक्षर हैं।हालांकि इसमें से सात सांसदों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। इस प्रकार महाभियोग प्रस्ताव पर सिर्फ 64 सांसदों का हस्ताक्षर ही प्रभावी होगा। विपक्षी नेताओं ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के चेयरमैन से प्रस्ताव पेश करने को अनुमति प्रदान करने की मांग की।
महाभियोग प्रस्ताव के लिए कांग्रेस ने विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई थी, मगर इसमें समाजवादी पार्टी, राजद, तमिलनाडु की डीएमके और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने हिस्सा नहीं लिया। हालांकि इन दलों के नेताओं ने महाभियोग का समर्थन करने की बात कही है।
महाभियोग लाने के लिए विपक्ष ने बताए कारणः गुलाब नबी आजाद ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि इस समय न्यायपालिका की स्वतंत्रता संकट में है। जिसके कारण चीफ जस्टिस को हटाया जाना जरूरी है। विपक्ष ने महाभियोग के लिए कारण भी गिनाए। उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश के कई प्रशासनिक फैसले विवादों में घिरे हैं। सुप्रीम कोर्ट के कामकाज में पारदर्शिता न होने से जजों को मीडिया में आकर प्रेस कांफ्रेंस के लिए मजबूर होना। विपक्षी ने मुख्य न्यायाधीश पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि लगातार सवाल उठने के बाद भी सर्वोच्च न्यायालय के काम में सुधार नहीं हुआ। जज लोया और मेडिकल कॉलेज घोटाले को लेकर चीफ जस्टिस विवादों में घिरे।




