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अब आप व‌िधायक ने ही उठाई खुद की सरकार पर उंगली, कहा सदन में झूठ बोल रही दिल्ली सरकार

अब आप व‌िधायक ने ही उठाई खुद की सरकार पर उंगली, कहा सदन में झूठ बोल रही दिल्ली सरकार
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आम आदमी पार्टी (आप) विधायक पंकज पुष्कर ने दिल्ली सरकार पर हमला बोला है। पुष्कर का आरोप है कि शराब की दुकानों से जुड़े सवालों पर दिल्ली सरकार विधान सभा में झूठ बोल रही है। पुष्कर ने इसके लिए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।

बृहस्पतिवार को मीडिया से बात करते हुये पंकज पुष्कर ने बताया कि विधान सभा में उन्होंने दिल्ली सरकार से दो तारांकित सवाल किये थे। उनका पहला सवाल था कि क्या ऐसे ठेके खोलने या लाइसेंस जारी करने से पहले आम लोगों की राय ली गई थी? लोगों की राय पर कार्रवाई क्या हुयी।
दिल्ली सरकार ने इसका जवाब दिया कि मौजूदा नियमों में आम लोगों की राय आवश्यक नहीं है। दस्तावेज दिखाते हुये पुष्कर का कहना है कि यह सरासर झूठ है। आबकारी नियम के सेक्शन 24 में साफ-साफ लिखा है कि डिप्टी कमिश्नर स्तर के अधिकारी को रायशुमारी करानी होगी।
यही नहीं, लोगों की आपत्तियों का निपटारा भी करना होगा। पुष्कर का आरोप है कि दिल्ली सरकार ने पहले बिना लोगों की रजामंदी के शराब के ठेके खुलवाये और अब अपनी गलतियों को छिपाने के लिये विधानसभा में झूठ का सहारा लिया जा रहा है।

'गलत जवाब से विधान सभा में विशेषाधिकार का हनन हुआ है'

पंकज पुष्कर ने बताया कि उनका दूसरा सवाल ठेके खोलने से पहले विधायकों की स्वीकृति लेने से जुड़ा हुआ था। इसका जवाब भी सरकार ने गलत दिया है। सरकार का कहना है कि ठेका खोलने से पहले विधायक की स्वीकृति जरूरी नहीं है।

पंकज पुष्कर ने बताया कि आबकारी नीति के अनुसार एल6 लाइसेंस देने के लिए ठेके की जगह को लेकर स्थानीय विधायक का सकारात्मक मत जरूरी है। वहीं एल2 व एल10 लाइसेंस के ठेके खोलने के आवेदन पत्र में भी स्थानीय विधायक की एनओसी जरूरी है।

पंकज पुष्कर ने कहा कि पंजाब का नशोखोरी से मुक्त कराने का झूठा दावा करने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली में इसी मसले पर तथ्यों को तोड़-मरोड़ पेश कर रही है। यहां तक कि उसके वरिष्ठ मंत्री सदन में झूठ बोल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गलत जवाब से विधान सभा में विशेषाधिकार का हनन हुआ है। इसके लिये उन्होंने उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने का दावा किया।

बता दें कि योगेंद्र यादव व प्रशांत भूषण को आप से निकालने के बाद पुष्कर ने भी बगावती तेवर अपनाया था। वह योगेंद्र यादव के साथ चले गये थे। हालांकि, पुष्कर ने न तो पार्टी छोड़ी और न ही पार्टी ने उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई ही की। लिहाजा वह आप में बने हुये हैं।

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