Janta Ki Awaz
व्यंग ही व्यंग

वो है भाग्य-विधाता : अभय सिंह

वो है भाग्य-विधाता : अभय सिंह
X

मेहनत और लगन ।

कार्य एवं कुशलता ।।

स्वयं के बदौलत से ।

परिवार का पेट भरता ।

'कर' को ना फैलता ।

ना ही सर को झुकता ।।

किस्मत खुद संवारता ।

वो है भाग्य-विधाता ।।

थका हारा रहता है।

वो बेचारा ।।

मग्न एवं कर्म में तल्लीन ।

आत्मसंतोष ना ही मन मलिन ।।

कंधों पर उठाये बोझ ।

अपने दम पर जीता रोज ।।

उसके मेहनत से होती हैं ।

बड़े-बड़े आटालिकयों की रचना ।।

उनका तो सिर्फ रह ।

जाता है अधूरे सपना ।।

राष्ट्र की उन्नति में देते योगदान ।

जीवन में कर जाते हैं कार्य महान ।।

मजदूर दिवस का ले फैसला ।

मिलकर हमसब बढ़ायें हौसला ।।

Next Story
Share it