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व्यंग ही व्यंग

फेंक रहे पत्थर, घायल हो रहे धरती के भगवान : अभय सिंह

फेंक रहे पत्थर, घायल हो रहे धरती के भगवान : अभय सिंह
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भगवान पर पत्थर ।

बरसा रहे हैवान ।।

सुधर जाओ जाहिलों ।

उनका क्या कसूर ?

सख्त हुई सरकार ।

कारवाई को तैयार ।।

गुंडागर्दी जारी ।

फेंक रहे पत्थर ।।

घायल हो रहे डॉक्टर ।

स्थिति है बदतर ।।

बचा रहे हैं जान ।

बना रहे क्यों निशाने ?

बन कर शैतान ।

छोड़ न रहे कसर ।।

खोया गर धैर्य ।

कैसे होगा काम ?

कठोर हो कारवाई ।

मंसूबा हो नाकाम ।।

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