Janta Ki Awaz
व्यंग ही व्यंग

बदहवास माँ ...बेसुध सरकार : अभय सिंह

बदहवास माँ ...बेसुध सरकार : अभय सिंह
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मार्मिक है घटना ।

गोद में लिए लाश ।।

बदहवास माँ ।

यही है विकास ?

बेसुध सरकार ।

व्यवस्था बेकार ।।

मिली न एम्बुलेंस ।

चली गयी जान ।।

जोरदार तमाचा ।

ये कैसा समाज ।।

आत्मा दिया झकझोर ।

याद आया पुराना दौर ।।

सुन कर चित्कार ।

सिस्टम शर्मसार ।।

फेल हुआ सुशासन ।

यही है सुराज ?

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