बिहार में पत्रकार थुरा गये...: श्रीमुख

बिहार में पत्रकार थुरा गये। अच्छा हुआ। क्या समझ लिया था,
पत्रकार हैं तो किसी से उलझ जायेंगे?
अमां मियां, सामने वाले की जात देखो, उसकी बात देखो, उसकी औकात देखो, तब उलझो वरना लात खाओगे। मैं सोचता हूँ, कितने मुर्ख हैं ये पत्रकार, भला यूँ किसी बड़े आदमी से उलझा जाता है?
एक तो बिहार जैसे अद्भुत राज्य का उपमुख्यमंत्री, ऊपर से एंग्री यंगमैन वाली छवि, और सबसे बड़ी बात मुख्यमंत्री दम्पति का पुत्र। अब इतने बड़े आदमी से जा के उलझोगे तो लात नहीं खाओगे?
मियां, वे दिन गुजरे बहुत दिन नहीं हुए जब आप जैसे पत्रकारों को चूं करने की भी इजाजत नहीं थी। आप क्या, अच्छे अच्छे आईएस, आईपीएस को छोटी सी गलती पर नंगा कर दिया जाता था। सवाल पूछना तो दूर, किसी कम्बख्त की इतनी भी मजाल नहीं होती थी, कि बात न मानें। बिहार में तनिक बहार क्या आया, आप तो अपनी औकात भूल गए पत्रकार बंधू। अरे जाइये किसी स्कूल के प्रधानाध्यापक की "मध्याह्न भोजन योजना" की चोरी पकड़ के दो-चार हजार की लेभी कमाइये, या किसी क्लर्क को भ्रष्टाचार उजागर करने के नाम पर ब्लैकमेल कर के नोट छापिये। आप कहाँ बड़ों से उलझने लगे?