"गब्बर, भोजपुरिया गायक अउरी बसंती"
BY Anonymous4 Oct 2017 6:49 AM GMT

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Anonymous4 Oct 2017 6:49 AM GMT
भोजपुरी सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहल बा अउरी आजके महान गायक गायिका खल्लु, भैसरीया, लड्डू छबीला, राधे श्याम बसिया, बदबू जुत्तम, गंदू दोनाली अउरी अन्य लोग अइमे शिरकत करता। वीरू भी बसंती के लेके, ठाकुर से लुका के सांस्कृतिक कार्यक्रम देखे आयिल बाड़े।
छबीलवा अपना पूरा लय में शामियाना के चोप उखारे में बिजी बा तबहीने, गब्बर अपना साथी कुल के साथै अटैक क देता। फेरु सभके कैद क के अपना अड्डा पर ले जाता। वीरू एक तरफ कैद बाड़े अउरी दुगो डाकू बसंती के घेरले बाड़े सं। भोजपुरिया गायक लोग के कालिया अउरी साम्भा घेरले बाड सं।
"साम्भा एकनि के छोड़ दे।" गब्बर भोजपूरिया गायक लोग के तरफ इशारा करत कहता " हमार बैर-विरोध खाली वीरू से बा। "
सभ गायक लोग खुश हो जाता कि जान बच गईल।
"सरदार काहे ना छोड़े से पहिले ऐ लोग के गाना सुन लिहल जाऊ?" कालिया राय देता "बड़ा जबर गायक हव सन। भोजपुरी में एकनि के नाम के डंका बाजता।"
"बहुत बढ़िया। एकरा ले निमन का होइ " गब्बर आँख चमकावत कहता "बसंती के नाचे खातिर गाना भी त चाही।"
"हम गाना ना गायब " भेसरिया धीरे से कहता।
"सु .... के बच्चा। गब्बर के ना कहतारे" गब्बर आपन बेल्ट निकाल के कहता "सबके बोटी काट काट के चील कौवा के खिया देब।
अउरी फेरु सब गायक लोग चिल्ला पड़ता "दुहाई सरदार। दुहाई सरदार। हमनी के गाना गावे खातिर तैयार बानी जा।
"पर सरदार बिना साज बाज के गाना कईसे सजी। हमनी के हाई बीट वाला गायक हाई जा। " धीरे से दुनाली कहतारी।
"ओ इ बात " गब्बर अट्टहास करत कहता "सम्भा साज बाज के इंतजाम होखो।"
अउरी कुछ देर में प्रबंध हो जाता।
पहिलका नंबर छबीलवा के आवता पर बसंती नाचे से मना क देतारी।
"नाच बसंती नाच। जबले तोर पैर चली, तोरा होखे वाला दूल्हा के सांस चली। " गब्बर खिसिया के कहता।
"बसंती ऐ कुत्तन के सामने मत नचिह। " वीरू चिल्लाता।
"वीरू तू धीरज रख। हमार गाना सुनके तुहु नाचे लागब" छबीलवा समझावता।
"ठीक बा बसंती एक बार देख लिहल जा। "
"ना वीरू हम ना नाचब "
गब्बर वीरू के तरफ बन्दूक तान देता अउरी बसंती डोले लागतारी।
"हमरा हउ ...... " जईसे ही छबीलवा आपन गाना काढावता वीरू चिल्ला पड़ता "कुत्ता हम तोर खून पी जाएब। इ गाना ह की ...... "
"इहे गाना गावे के रे ?" गब्बर कहता "ते त नाक कटा देहले। दूसर गायक बोलाव रे।
फेरु कल्लुआ के बारी आवता। उहो अईसने लहंगा उठावू गीत गावल चालू करता अउरी वीरू से पहिले गब्बर चिल्ला पड़ता।
"छोड़ छोड़। इ गाना ह या गाना के नाम पर रेप। "
ओके हटा के माइक भेसरिया के दियाता।
"रतिया कहा बितवलु ना ..... "
"कमीना हम तोर खून पि जाएब। हमरा बसंती के चरितर पर सवाल करतारे?" वीरू चिल्लाता।
फेरु बसिया, जुत्तम, दुनाली अउरी बाकी लोग भी गावे के परयास करता पर ओ लोग के गाना भी एक लाइन से आगे नईखे बढ़ पावत काहे से कि गाना नात गब्बर के पसंद आवता ना वीरू के। तबहिये ठाकुर अउरी जय के आक्रमण हो जाता अउरी गब्बर अपना साथी के साथे कैद हो जाता।
"गब्बर, बोल तोरा साथे का कईल जाउ ?" ठाकुर पूछतारे।
"ठाकुर साहब हमरा साथे जवन मन करे तवन करीं पर एकनि के भी मत छोड़ी। " गब्बर भोजपुरिया गायक कुल के तरफ देख के कहता " एकनि के सामने हमार अपराध कुछु नईखे। हम चोरी करेनी, डाका डालेनि, खून करेंनी पर कबो अपना माई के इज्जत ना लेहनी। इ कुल त नाम खातिर माई के नंगा नचाव तार सन। अपना फायदा खातिर पूरा नवका पीढ़ी के खत्म क देले बाड़ सन। हम त दस बीस गो मर्डर कईले होखेब पर इ कुल त पूरा भोजपुरिया जनरेशन के ही खत्म क देल बाड़ सं। एकनि के सजा हमरा सजा के कई गुना बड़ होखे के चाही।"
"गब्बर सही कहता ठाकुर साहब" वीरू कहता "गब्बर के माफ़ काईल जा सकेला पर एकनि के ना। एकनि के कड़ा से कड़ा सजाई मिले के चाही।
ठाकुर साहब विचार करे के बात कहतारे और पर्दा गिर जाता।
धनंजय तिवारी
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