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भोजपुरी कहानिया

अबका करब ए हमीद••

अबका करब ए हमीद••
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शरीयत के दावा करस, करस खुब तंग-
कोटवा के निरनय आईल बोलती भईले बंद-
अब का करब ए हमीद तोहार धंधा भईल मंद-

तीनी बार तलाक कही के मारत रह ताला-
फिर तु करावत रह बीबी के हलाला-
कुरान के नामवा पर करत रहल लंद-फंद-
अब का करब ए हमीद तोहार धंधा भईले मंद-

सिखाई देहली तोहरा के शाहबानो शायरा-
छोड़ दकिआनुसी आ तु रह आपना दायरा-
अबो से सुधर जा ना त छिड़ल बाटे जंग-
अब का करब ए हमीद तोहार धंधा भईले मंद-

तीनी माह तेरह दिन में करत रह धोखा-
कईसन ई बनवले रह रूलवा अनोखा-
मोहतरमन के जिनगी करत रह भरभंड-
अबका करब ए हमीद तोहार धंधा भईलें मंद-

अपने तु राखत रह चार चार गो बीबी-
कहत रह मामला ई हऊवो हमार निजी-
आवते फैएसला तु काहे भईल रंज-
अबका करब ए हमीद तोहार धंधा भईलें मंद-


अमरेंद्र सिंह
आरा
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