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कोरेना संकट और प्रभावी विपक्ष की भूमिका में अखिलेश – प्रोफेसर (डॉ.) योगेन्द्र यादव

कोरेना संकट और प्रभावी विपक्ष की भूमिका में अखिलेश – प्रोफेसर (डॉ.) योगेन्द्र यादव
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इस समय पर पूरा विश्व कोरेना संकट और उसके कारण उभरी तमाम समस्याओं से जूझ रहा है । पूरे देश के यही हालात हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश की स्थिति कुछ मायनों मे अलग है। यहाँ के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार को कोरेना संकट के अलावा दूसरे पदेशों में अपनी रोजी-रोटी कमा करे प्रवासी मजदूरों के भरण-पोषण से लेकर उनके रोजगार तक के इंतजाम करने हैं । इसके अलावा कोरेना संकट की वजह से कई समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं। समाजवादी पार्टी यहाँ एक प्रमुख विपक्षी पार्टी है और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एक संवेदनशील नेता हैं। एक ओर वे अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से प्रदेश की जनता की भलाई के लिए कार्य कर रहे हैं । वहीं दूसरी ओर सरकार की नाकामियों या जिस पर सरकार की दृष्टि नहीं जा रही है, ऐसे मुद्दों को भी उठा कर एक सक्षम विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और उनकी 11 टीम समस्याओं का जमीनी समाधान नहीं कर रही है। केवल लोक लुभावन बयान जारी कर इतिश्री कर रही है ।

उन्होने एक बार फिर विभिन्न मुद्दों को आधार बना कर सरकार पर हमला किया है, और साथ ही अपील की है कि इन समस्याओं को दूर कर सरकार अपने दायित्वों का निर्वहन करे ।

1. पढ़ाई व फीस – कोरेना संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए सभी स्कूल और कालेज पिछले तीन महीने से बंद हैं। सभी काम धंधे बंद होने के कारण अभिभावकों की भी माली हालत बहुत खराब है। लेकिन स्कूल मालिकों द्वारा अभिभावकों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि वे फीस जमा करें। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यह अपील की है कि वे सभी निजी और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों-छात्राओं की तीन महीने की फीस माफ कराएं और उन पर वित्तीय भार नहीं पड़े, इस परिप्रेक्ष्य में जिन्हें जरूरत है, उन स्कूल मालिकों को आर्थिक अनुदान दें । इसके अलावा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव उन छात्र – छात्राओं का मुद्दा उठाया है, जो दूसरे प्रदेशों में रह कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसे छात्रों के न तो खाने की व्यवस्था है। न ही मकान मालिकों को किराया देने की ही वे स्थिति में हैं । मकान मालिकों द्वारा उन्हें किराया देने और मकान खाली करने का दबाव डाला जा रहा है। ऐसे छात्र फीस देने की भी स्थिति में नहीं हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से यह अपील की है कि इस मसले पर गंभीरतापूर्वक विचार करके उनका किराया और फीस मांफ कराएं ।

2. नौकरी – समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लॉक डाउन का उल्लेख करते हुए कहा कि कोरेना संक्रमण और लॉक डाउन की वजह से तमाम लोगों की नौकरी चली गई। सरकार न तो उन्हें नौकरी देने की दिशा में कोई कदम उठा रही है, और न ही उनके परिवार के भरण – पोषण की ज़िम्मेदारी उठा रही है। इस कारण ऐसे परिवारों के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है । इसके अलावा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रवासी मजदूरो के रोजगार और नौकरी का मसला उठाया । उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रवासी मजदूरों को रोजगार और नौकरी देने का वायदा किया था। वह अभी तक पूरा नहीं हुआ । सरकार मानरेगा के अंतर्गत केवल कुछ प्रवासी मजदूरों को रोजगार दे पाई है । इस कारण उन्होने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की कि वह लोगों को रोजगार देने की दिशा में काम करे। और जब तक उनके रोजगार या नौकरी की व्यवस्था नहीं हो जाती है, तब उनके परिवार के भरण-पोषण का इंतजाम करे ।

3. बदहाल आर्थिक स्थिति – समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि लॉक डाउन के कारण सभी काम धंधे बंद रहे। इस कारण जिसके पास जो कुछ था, वह उसी में अपना जीवन यापन करने के लिए विवश था। महंगाई के जमाने में निम्न माध्यम वर्ग और गरीब मज़लूमों के पास इतनी बचत नहीं होती है कि वह महीनों उससे अपना काम चला सकें। यह हाल सिर्फ मजदूरों का ही नहीं है, आम आदमी का भी है । नौकरीपेशा लोगों का भी है। इस कारण सरकार को उनकी आर्थिक बदहाली को ध्यान में रखते हुए कोई ऐसा कदम उठाना चाहिए, जिससे उनके सामने भुखमरी की स्थिति न आए ।

4. अध्यापकों का वेतन – समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने निजी विद्यालयों और महाविद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों के वेतन का मसला भी उठाया । उन्होने कहा कि निजी विद्यालयों के प्रबंध तंत्र ने अभी तक अपने शिक्षकों का वेतन नहीं दिया है । वे कहते हैं कि फीस जमा होगी, तो ही वे वेतन दे पाएंगे। इस कारण अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि वे जल्द से जल्द कोई समाधान निकालें, जिससे निजी स्कूलों के अध्यापकों, जिन्हें तीन महीने से वेतन नहीं मिला है, उनके वेतन का इंतजाम हो सके। इस समय ऐसे अध्यापकों का परिवार भुखमरी की कगार पर खड़ा है । जबकि इस मुद्दे पर सरकार पूरी तरह मौन साधे हुए है ।

5. कोरेना संक्रमण रोकने में नाकाम – समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने तरफ से जारी एक अपील में कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी एलेवन टीम कोरेना संक्रमण रोकने के लिए तमाम दावे तो कर रहे हैं। लेकिन हर रोज जो आकड़ें जारी होते हैं, उसके अनुसार उनकी संख्या दिन पर दिन बढ़ रही है। इस कारण उन्होने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि वे बढ़ते कोरेना संक्रमण रोकने के लिए हर मुमकिन कदम उठाएँ ।

6. अन्य आसाध्य बीमारियाँ – समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान इस समय कोरेना संक्रमण की ओर है। जिसकी वजह से अन्य आसाध्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को कष्ट हो रहा है। उनके इलाज की कोई व्यवस्था न होने की वजह से वे मौत के मुहाने पर खड़े हैं । सरकार असाध्य बीमारियों को रोकने की दिशा मे भी प्रयास करना चाहिए ।

7. विधायक निधि का बंद करना – समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विधायक निधि बंद करने के निर्णय की निंदा करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के समय अन्य असाध्य बीमारियों के इलाज के लिए विधायक निधि से कम से कम 50 लाख देने की व्यवस्था होनी चाहिए। हृदयरोग, किडनी, लीवर तथा कैंसर के इलाज के लिए समाजवादी सरकार में मुफ्त चिकित्सा व्यवस्था थी। इसके साथ विधायक निधि से 25 लाख रुपए की व्यवस्था बीमारी के इलाज के लिए देने की भी की गई थी। भाजपा सरकार ने विधायक निधि से सहायता देने की व्यवस्था बंद कर दी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को इसे तुरंत बहाल करना चाहिए ।

8. बिहार-बंगाल चुनाव जीतने की चिंता – उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसे में जब पूरा देश कोरेना के दहशत में जी रहा है। रोज सैकड़ों लोग मौत के मुंह में जा रहे हैं । हजारों लोग रोज बीमार पड़ रहे हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी राजनीति कर रही है। उसे बिहार और बंगाल का विधानसभा चुनाव कैसे जीता जाए, इसकी पड़ी है ।

9. वर्चुअल रैली – समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा की वर्चुअल रैली की निंदा करते हुए कहा कि इस प्रकार की रैली से चुनाव की पूरी प्रक्रिया ही कलंकित हो रही है । ऐसे समय में जब कोरेना संकट से उबरने के लिए भाजपा को अधिक से अधिक धन जनहित में नियोजित करना चाहिए। ऐसा न करके भाजपा और केंद्र सरकार वर्चुअल रैली में पानी की तरह पैसे बहा रही है । उन्होने कहा कि भाजपा को बताना चाहिए कि संकट के दौर में भी बिहार-बंगाल की वर्चुअल रैली में उसने ढाई सौ करोड़ रुपए से ज्यादा क्यों उड़ा दिए।

10. एलईडी – समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वर्चुअल रैली को सफल बनाने के लिए उनके द्वारा 72 हजार एलईडी के उपयोग पर भी सवाल उठाएँ हैं । उन्होने कहा कि भाजपा ने प्रचार करने के लिए पेड़ों की टहनियों पर भी एलईडी टांग दिये । और एलईडी खरीदने के लिए पानी की तरह पैसा बहाया । इन लोगों को देश की जनता के जीवन से कोई मतलब नहीं है। ये लोग तो सिर्फ राजनीति करना चाहते हैं ।

11. महापैकेज और किसान – समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित किए गए महापैकेज पर भी सवालिया निशान लगा दिया । उन्होने कहा कि दावा किसानों के बैंक खातों में पैसे भेजने का किया जा रहा है, पर वास्तव में 20 लाख करोड़ के महापैकेज से किसानों के खाते में एक रूपया भी अभी तक नहीं आया है। उल्टे किसान के जमा खाते से कर्ज अदायगी के लिए दबाव बनाया जा रहा है। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि कन्नौज में एक प्रवासी मजदूर के परिवार में जब खाने के लाले पड़ने लगे तो महिला ने अपना जेवर बेच दिया। उसको न राशन मिला और नहीं काम।

12. पड़ोसी देशों के साथ सम्बन्धों में कटुता – समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भाजपा की केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि भारत के सभी पड़ोसी राज्यों से तनाव की स्थिति बनी हुई है। एक भी समस्या का हल निकालने में सरकार नाकाम सिद्ध हुई है । उन्होने कहा कि एक तरफ सरकार आंतरिक रूप ए कोरोना की चुनौतियों से जूझने में नाकाम दिख रही है, दूसरी तरफ लददक्ष में भी भारत चीन सीमा पर तनाव और अतिक्रमण की खबरों पर सरकार कुछ भी स्पष्ट रूप से नहीं कह रही है। दोनों के सम्बन्धों में कटुता आई है। भाजपा आंतरिक और वाह्य दोनों स्तरों पर असफल दिख रही है ।

एक बात तो तय है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोरेना संकट में जिस संवेदनशीलता से अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं, वह काबिलेतारीफ है । एक ओर वे लोगों की कार्यकर्ताओं से मदद करा रहे हैं। दूसरी ओर लोगों की खुद भी आर्थिक मदद कर रहे हैं । और तीसरी वे केंद्र और प्रदेश सरकार पर भी अपनी पैनी नजर रखे हुए हैं। जहां भी उनहने गलत दिखाई पड़ रहा है, वहाँ वे तुरंत प्रतिक्रिया और अपील कर रहे हैं । संकट काल में विपक्ष इससे ज्यादा क्या कर सकता है ?

प्रोफेसर डॉ. योगेन्द्र यादव

पर्यावरणविद, शिक्षाविद, भाषाविद,विश्लेषक, गांधीवादी /समाजवादी चिंतक, पत्रकार, नेचरोपैथ व ऐक्टविस्ट

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