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जून बहुत सारी खगोलीय और ज्योतिष सम्बन्धी योग के कारण कुछ ख़ास है

जून बहुत सारी खगोलीय और ज्योतिष सम्बन्धी योग के कारण कुछ ख़ास है
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पँ अभय प्रकाश द्विवेदी

आषाढ़ माह या जून का महीना बहुत सारी खगोलीय और ज्योतिष सम्बन्धी योग के कारण कुछ ख़ास दिखाई दे रहा है। जून के महीने में दो चन्द्र ग्रहण और एक सूर्य ग्रहण कुल तीन ग्रहण लग रहे है जो शुभ नहीं है।पहला 5 जून शुक्रवार को पूर्णिमा तिथि पर लगने वाला चन्द्र ग्रहण का यदपि की कोई धर्म शास्त्रीय प्रभाव एवम् प्रतिबन्ध नहीं होगा,दूसरा 21 जून रविवार अमावस्या को खण्डग्रास सूर्यग्रहण लगेगा, यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा।तीसरा ग्रहण 5 जुलाई रविवार चन्द्र ग्रहण लगेगा,लेकिन इस ग्रहण का कोई धर्म शास्त्रीय महत्व नही होगा।यद्यपि की इन तीनो ग्रहण में केवल एक का ही प्रभाव होगा लेकिन इब ज्योतिषीय गणना करेंगे तो तीन ग्रहण की गणना की जायेगी। इस माह में ग्रहो की गति व् अन्य ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखे तो गुरु शुक्र व् शनि ग्रह पहले से ही वक्री चल रहे है 17 जून को बुध भी वक्री हो जाएगा इस तरह से इस माह में चार ग्रह वक्री चलने लगेंगे।आषाढ़ मास में पांच शनिवार व् पांच रविवार तो हो ही रहे है साथ ही रविवारी अमावस्या को चन्द्र बुध सूर्य राहु का मिथुन राशि में चतुर्ग्रही योग बन रहा है इस चारो ग्रहो पर मंगल की पूर्ण दृष्टि इसे और बल प्रदान कर कुछ अनकही अनहोनी का संकेत कर रही है।ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जून में प्रकृतिक विप्लव धन जन को क्षति पहुँचा सकते है।भारत सहित विश्व में भूकम्प,अतिवर्षा देश के कुछ भागो में बादल फटने सहित अन्य कोई आपदा की सम्भावना बन रही है।

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