स्पीक अप इंडिया पर भारी नरेंद्र मोदी का पत्र – प्रोफेसर (डॉ.) योगेन्द्र यादव

कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच करोना महामारी और लॉक डाउन के दौरान जो डिजिटल युद्ध चल रहा है । कांग्रेस के स्पीकअप इंडिया के जवाब में आज मोदी, उनकी सरकार और भारतीय जनता पार्टी द्वारा कई प्रयोग किए गए । लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता के नाम पत्र जारी कर एक ही वार में कांग्रेस पर अपनी बढ़त बना ली । आज पूरे दिन यह पत्र प्रिंट मीडिया से लेकर इलेक्ट्रानिक्स मीडिया तक छाया रहा है। आम नागरिक से लेकर मीडिया तक इसी की चर्चा होती रही । अपनी असाधारण शैली में प्रधानमंत्री ने जनता की संवेदनाओं को झकझोरने का हर संभव प्रयास किया है। अपने पत्र की शुरुआत में ही उन्होने कहा कि आपके स्नेह, शुभाशीष और सक्रिय सहयोग से मुझे निरंतर एक नई ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है। लोकतंत्र की सामूहिक शक्ति आज पूरे विश्व के लिए एक मिसाल बन चुकी है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से एक साल पहले भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में दशकों बाद पूर्ण बहुमत की किसी सरकार को लगातार दूसरी बार जनता ने जिम्मेदारी सौंपी। वर्ष 2014 में जनता ने देश की नीति और रीति बदलने के लिए वोट किया था। पांच सालों में देश ने व्यवस्थाओं को जड़ता और भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकाला। अंत्योदय की भावना के साथ गरीबों का जीवन आसान बनाया गया। विश्व में भारत की आन-बान-शान बढ़ी । बैंक खाते खोलकर, मुफ्त गैस कनेक्शन व मुफ्त बिजली कनेक्शन देकर, शौचालय व घर बनवाकर गरीबों की गरिमा भी बढ़ाई गई । सर्जिकल व एयर स्ट्राइक हुई, वन रैंक वन पेंशन, जीएसटी, किसानों की एमएसपी जैसी बरसों पुरानी मांगों को भी पूरा करने का काम किया गया।
भारतीय जनता पार्टी को 2019 में देश की जनता का फिर आशीर्वाद मिला । इस कार्यकाल में जनशक्ति, राष्ट्रशक्ति की चेतना प्रज्वलित हो रही है। गत एक वर्ष में देश ने सतत नए स्वप्न, नए संकल्प लिए और इसे सिद्ध करने के कदम भी बढ़ाए जा रहे हैं । देश के हर समाज, वर्ग और व्यक्ति ने बखूबी अपना दायित्व निभाया जा रहा है । 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' हर दिशा में आगे बढ़ रहा है। राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए आर्टिकल 370, राम मंदिर निर्माण, ट्रिपल तलाक, नागरिकता संशोधन कानून प्रमुख उपलब्धियां हैं । चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद का गठन, मिशन गगनयान, गरीबों, किसानों, महिलाओं-युवाओं को सशक्त करना हमारी प्राथमिकता रही है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के दायरे में देश का प्रत्येक किसान आ चुका है। बीते एक वर्ष में नौ करोड़ 50 लाख से ज्यादा किसानों के खातों में 72 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि जमा कराई गई। देश के 15 करोड़ से अधिक ग्रामीण को शुद्ध पानी देने के लिए जल जीवन मिशन शुरू किया गया। 50 करोड़ से अधिक के पशुधन के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। किसान, खेतिहर मजदूर, छोटे दुकानदार और असंगठित क्षेत्र के श्रमिको के लिए 60 वर्ष की आयु के बाद तीन हजार रुपये की नियमित मासिक पेंशन, मछुआरों की सहूलियत और ब्लू इकोनॉमी को मजबूत करने के लिए अलग से विभाग भी बनाया । व्यापारियों के हितार्थ कल्याण बोर्ड का निर्माण, स्वयं सहायता समूहों की सात करोड़ बहनों को ज्यादा वित्तीय सहायता, बिना गारंटी ऋण की सीमा को 10 से बढ़ाकर 20 लाख करना, आदिवासी बच्चों की शिक्षा के लिए 450 से ज्यादा एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूलों के निर्माण का अभियान भी शुरू किया गया है।
संसद में कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट, चिटफंड कानून में संशोधन, दिव्यांगों, महिलाओं और बच्चों को अधिक सुरक्षा देने वाले कानून, बनाये हैं । सरकार की नीतियों और निर्णयों की वजह से शहरों और गांवों के बीच की खाई कम हो रही है। गांव में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या, शहर वालों से 10 प्रतिशत ज्यादा हो गई है।
कोरोना वैश्विक महामारी में भारत ने यह सिद्ध करके दिखाया है कि विश्व के सामर्थ्यवान और संपन्न देशों की तुलना में भी भारतवासियों का सामूहिक सामर्थ्य और क्षमता अभूतपूर्व है। इतने बड़े संकट में यह दावा नहीं कर सकता कि किसी को कोई तकलीफ और असुविधा न हुई हो। श्रमिक, प्रवासी मजदूर भाई-बहन, छोटे-छोटे उद्योगों में काम करने वाले कारीगर, पटरी पर सामान बेचने वाले, रेहड़ी-ठेला लगाने वाले, हमारे दुकानदार भाई-बहन, लघु उद्यमीआदि ने असीमित कष्ट सहा है। जीवन में हो रही असुविधा, जीवन पर आफत में न बदल जाए। इसके लिए प्रत्येक भारतीय के लिए प्रत्येक दिशा-निर्देश का पालन करना बहुत आवश्यक है। हमें अभी धैर्य और जीवटता बनाए रखना है । भारत की ज्यादा संभली हुई स्थिति में है। इस लंबी लड़ाई में विजयी होना हम सबका सामूहिक संकल्प है। पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में आए अम्फान चक्रवात में हौसले के साथ जनता के मुक़ाबला करने से कम नुकसान हुआ ।
भारत ने अपनी एकजुटता से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया को अचंभित किया है, वैसे ही आर्थिक क्षेत्र में भी हम नई मिसाल कायम करेंगे। 130 करोड़ भारतीय, अपने सामर्थ्य से आर्थिक क्षेत्र में भी विश्व को चकित ही नहीं बल्कि प्रेरित भी कर सकते हैं। समय की मांग के अनुरूप हमें अपने पैरों पर खड़ा होना ही होगा। इसके लिए एक ही मार्ग है - आत्मनिर्भर भारत। इस अभियान के लिए 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज एक बड़ा कदम है। यह अभियान, हर एक देशवासी, किसान, श्रमिक, लघु उद्यमी, स्टार्टअप्स से जुड़े नौजवान, सभी के लिए, नए अवसरों का दौर लेकर आएगा। भारतीयों के परिश्रम और प्रतिभा से बने लोकल उत्पादों के दम पर भारत आयात पर निर्भरता कम कर आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ेगा।
बीते छह वर्षों की इस यात्रा में आपने निरंतर मुझ पर आशीर्वाद बनाए रखा है, अपना प्रेम बढ़ाया है। आपके आशीर्वाद की शक्ति से ही, देश पिछले एक साल में ऐतिहासिक निर्णयों और विकास की अभूतपूर्व गति के साथ आगे बढ़ा है। लेकिन फिर भी मुझे पता है कि अब भी बहुत कुछ करना बाकी है। देश के सामने चुनौतियां अनेक हैं, समस्याएं अनेक हैं। मैं दिन-रात प्रयास कर रहा हूं। मुझ में कमी हो सकती है लेकिन देश में कोई कमी नहीं है। और इसलिए, मेरा विश्वास स्वयं से ज्यादा आप पर है, आपकी शक्ति, आपके सामर्थ्य पर है। मेरे संकल्प की ऊर्जा आप ही हैं । वैश्विक महामारी के संकट की घड़ी में याद रखना है कि 130 करोड़ भारतीयों का वर्तमान और भविष्य कोई आपदा या कोई विपत्ति तय नहीं कर सकती। हम अपना वर्तमान और भविष्य खुद तय करेंगे। हम आगे बढ़ेंगे, हम प्रगति पथ पर दौड़ेंगे, हम विजयी होंगे। हमारे एक हाथ में कर्म और कर्तव्य है तो दूसरे हाथ में सफलता सुनिश्चित है।
कोरेना महामारी और लॉक डाउन से त्रस्त जनता के सामने अपनी भावनाओं और सरकार द्वारा एक साल में किए गए कार्यों का जिस तरह से प्रस्तुतीकरण किया गया है, वह बहुत ही प्रभावी है। कोरेना संकट और लॉक डाउन में एक कुशल योद्धा की तरह जिस तरह प्रधानमंत्री सामना कर रहे हैं, वह सराहनीय है। प्रधानमंत्री सिर्फ कोरेना के मोर्चे पर ही नहीं लड़ रहे हैं। उनके सामने और भी संकट हैं। तिब्बत की ओर भारतीय सीमा पर चीन पर चीन की कुत्सित चालों का जवाब देने से लेकर उसके खिलाफ सामरिक तैयारियों में भी वे लगे हुए हैं। उसके लिए वे लगातार सभी वींग के सेनाध्यक्षों से लगातार संपर्क में हैं। कूटनीति द्वारा चाइना को आक्रामक भाषा बोलने नहीं दे रहे हैं। लेकिन इस संकट का उन्होने अपने पत्र में उल्लेख नहीं किया। जम्मू और कश्मीर में क्या हो रहा है ? वह किसी से छिपा नहीं है। पिछले कई दिनों से लगातार सेना के जवान आतंकवादियों को नेस्तनाबूत करने में लगे हुए हैं । हर दिन आने वाले आँधी-तूफानों की वजह से परेशान नागरिकों की जीवटता की उन्होने सराहना की है और पश्चिमी बंगाल और उड़ीसा में आए तूफान में कम नुकसान का श्रेय उन्हें देते हुए उनकी प्रशंसा की है । अपने इस पत्र में उन्होने अपनी पिछली बार की सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया है। साथ ही करोना संकट की वजह से बहुत कुछ न कर पाने की असमर्थता भी जाहीर की है । इस आफत में देश की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए स्वदेशी का मंत्र देते हुए सभी को आत्मनिर्भर बनने की अपनी पुरानी बात को फिर दोहराया है। साथ ही देश की जनता पर यह विश्वास व्यक्त किया है कि आत्मनिर्भरता की इस कसौटी पर देश जरूर सफल होगा। इस सफलता का श्रेय वे देश की जनता को देकर सहानुभूति प्राप्त कर रहे हैं ।
ऐसी किसी ने आशा नहीं की थी कि कांग्रेस के स्पीकअप इंडिया का जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार और पार्टी द्वारा इतनी सहजता और सरलता से दिया जाएगा। अगर वे कांग्रेस पर डिजिटल वार करते तो शायद वह इतना प्रभावी न होता, जितना सरल भाषा में जनता के नाम एक पत्र लिख देने से हो गया है। ऐसे संकट की घड़ी में जिससे पूरा देश आहत है, एक संवेदनशील व्यक्ति से जनता इसी प्रकार की उम्मीद करती है। अगर इस पत्र को भारतीय संकृति कि दृष्टि से देखें तो इसमें भारतीयता की पूरी छाप दिखाई पड़ती है । अपनी इसी भारतीय छाप की वजह से एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के स्पीकअप इंडिया मिशन को धराशायी कर दिया । वैसे भी जब सरकार अपने एक साल की उपलब्धियों की चर्चा कर रही हो, ऐसे में किसी के सवालों का उत्तर देना उचित नहीं कहा जा सकता है। फिर अपने स्पीकअप इंडिया प्रोग्राम के माध्यम से कांग्रेस ने जो सवाल उठाए थे, वे अमल में लाने वाले हैं, चर्चा के लिए नहीं हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी सरकार और भारतीय जनता पार्टी तीनों इस बात को समझते हैं। हालांकि प्रधानमंत्री के अलावा उनके अन्य मंत्रियों, भाजपा नेताओं ने कांग्रेस को शिकस्त देने के लिए तीखे शब्द बाणों का प्रयोग किया है ।
प्रोफेसर डॉ. योगेन्द्र यादव
पर्यावरणविद, शिक्षाविद, भाषाविद,विश्लेषक, गांधीवादी /समाजवादी चिंतक, पत्रकार, नेचरोपैथ व ऐक्टविस्ट