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२०२० में पड़ने वाले ग्रहण और उनका प्रभाव :- (प्रेम शंकर मिश्र)

२०२० में पड़ने वाले ग्रहण और उनका प्रभाव :-  (प्रेम शंकर मिश्र)
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सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटनाएं हैं जिसका व्यापक प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ता है.

इस साल २०२० में जून से जुलाई माह के बीच तीन ग्रहण लगेंगे!

५ जून को चंद्र ग्रहण के साथ पहले ग्रहणकाल की शुरुआत होगी, इसके बाद २१ जून को सूर्य ग्रहण लगेगा, जिसे भारत समेत एशिया और दक्षित पूर्व यूरोप में देखा जा सकेगा!

५ जुलाई को चंद्र ग्रहण लगेगा जोकि इस साल का तीसरा चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा!

यह चंद्र ग्रहण अमेरिका, अफ्रीका, दक्षिण पूर्व यूरोप में देखा जा सकेगा!

आने वाली खगोलीय घटना पर अभी से दुनिया भर के वैज्ञानिकों और ज्योतिषियों की नजरें लगी हुई हैं क्योंकि इन ग्रहणों का भारी असर देखा जाएगा!

हिंदू धर्म में ग्रहण का प्रभाव काफी व्यापक बताया गया है!

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भारत समेत पूरे विश्व के लिए 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण काफी महत्वपूर्ण है, यह ग्रहण मिथुन राशि में होगा!

ग्रहण काल में मंगल मीन राशि में बैठा है और उसकी नज़र सूर्य, बुध, चंद्रमा और राहु पर है जोकि एक अशुभ संकेत का सूचक है!

ग्रहण काल में ही शनि, बुध, गुरु और शुक्र जैसे महत्वपूर्ण ग्रह वक्री चाल चल रहे हैं!

ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों की इस चाल से पूरे संसार में उपद्रव की स्थिति पैदा हो सकती है!

ज्योतिष शास्त्र में इस बात का उल्लेख है कि जब ये बड़े ग्रह वक्री चाल चलते हैं तो विश्व में महान प्राकृतिक आपदाएं आने की संभावना बनी रहती है!

प्राकृतिक आपदाओं से कई तरह से नुकसान हो सकते हैं!

ग्रहों की इस स्थिति से सीमा विवाद और आपसी तनाव की स्थिति बन रही है!

प्राकृतिक आपदाओं के लिए भी यह स्थिति शुभ नहीं है!

ज्योतिषीय गणना के अनुसार साल का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून अर्थात आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन मिथुन राशि पर लगेगा, मिथुन राशि पर सूर्य ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा !

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में ज्यादा से ज्यादा भगवान के नाम का या वैदिक मंत्रों का जाप करना चाहिए!

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