100% डिफेंस में FDI का राज-- ( धीरेन्द्र कुमार दुबे)
BY Anonymous8 April 2018 4:35 AM GMT
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Anonymous8 April 2018 4:35 AM GMT
साल 2012 में हुई फ्रांस से 54 हज़ार करोड़ रुपयों की डील की तहत 126 राफेल विमान खरीदनेवाले भ्रष्टाचारी थे (हो सकते हैं) जिसके तहत 18 बने-बनाये विमान फ्रांस देती और 108 विमानों को "हिंदुस्तान अरनॉटिक्स लिमिटेड" नामक सरकारी कंपनी फ्रांस के साथ मिलकर बनाती जिससे एक एक-एक विमान की कुल कीमत 540 करोड़ रुपये आती। परंतु उस डील को भ्रष्टाचार के बिना पर रद्द करके,पहले डिफेंस में 100% FDI का बिल पास करवाकर 28 मार्च 2015 को फिर से फ्रांस के साथ 59 हज़ार करोड़ रुपये में मात्र 36 विमान खरीदने की नई डील करनेवाली सरकार,जो विमान बनाने का ठेका भी सरकारी कम्पनी "हिंदुस्तान एरनॉटिक्स लिमिटेड" से छीनकर, डील से मात्र 15 दिन पहले बनी अनिल अंबानी की कम्पनी "रिलायंस डिफेंस" को दे देती है जिससे एक-एक विमान की कीमत 540 करोड़ के बदले 1640 करोड़ रुपये हो जाती है वह ईमानदार कैसे?
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