युवा मन और बदलाव की चाहत : अनिल कुमार पाल
आज हमारे देश का हर युवा बदलाव चाहता
है। क्योंकि वर्तमान व्यवस्था में उनको
बहुत कुछ दोष नजर आता है।जो सही भी है।
लेकिन व्यवस्था बदले कैसे उसकी सही
निति क्या है यह आज कोई बताने वाला
नही है। दोस्तों आज इस कलयुग में कोई
भगवान का अवतार नही होने वाला है।
अगर बदलाव लाना है तो उसके लिये पहल
हमको ही करना होगा। समस्या कितनी
ही बड़ी क्यों ना हो समाधान उतना ही
सरल होता है।वर्तमान में जो व्यवस्था है
उसको हम लोग बहुत ही आसानी से बदल
सकते है।
हम किसी और के ऊपर विस्वास करने से
पहले खुद के ऊपर विस्वास करें।और अपना
जन प्रतिनिधि खुद चुने पूरी की पूरी
व्यवस्था बदल जायेगी।
आप सोचते होंगे की यह काम तो हम बरसों
से करते आ रहे है।लेकिन हम जिसको चुनते है
उसको पहले कोई और चुनता है।यानी
राजनितिक पार्टी।हम लोग चुने हुए को
चुनते है।जिसके कारण व्यवस्था परिवर्तन
नही हो पाता है।कल मनमोहन थे आज
मोदी है क्या फर्क परा है आपके जीबन में
आप खुद सोच सकते है।हम लोग चुने हुए को
चुनकर सिर्फ सत्ता परिवर्तन करते है।
इसलिये व्यवस्था परिवर्तन नही हो
पाता है।जिस दिन हम लोग
खुद चुनना शूरू कर देंगे उसी दिन से
व्यवस्था परिवर्तन होने लगेगा।अब यह
हमारे और आपके ऊपर निर्भर करता है की
हम सत्ता परिवर्तन करते रहे या
व्यवस्था परिवर्तन करें।
आजादी कहने से नही मिलेगी आजादी के
लिये परिवर्तन करना होगा।
अनिल कुमार पाल
सामाजिक कार्यकर्ता मैनपुरी
9412591115
है। क्योंकि वर्तमान व्यवस्था में उनको
बहुत कुछ दोष नजर आता है।जो सही भी है।
लेकिन व्यवस्था बदले कैसे उसकी सही
निति क्या है यह आज कोई बताने वाला
नही है। दोस्तों आज इस कलयुग में कोई
भगवान का अवतार नही होने वाला है।
अगर बदलाव लाना है तो उसके लिये पहल
हमको ही करना होगा। समस्या कितनी
ही बड़ी क्यों ना हो समाधान उतना ही
सरल होता है।वर्तमान में जो व्यवस्था है
उसको हम लोग बहुत ही आसानी से बदल
सकते है।
हम किसी और के ऊपर विस्वास करने से
पहले खुद के ऊपर विस्वास करें।और अपना
जन प्रतिनिधि खुद चुने पूरी की पूरी
व्यवस्था बदल जायेगी।
आप सोचते होंगे की यह काम तो हम बरसों
से करते आ रहे है।लेकिन हम जिसको चुनते है
उसको पहले कोई और चुनता है।यानी
राजनितिक पार्टी।हम लोग चुने हुए को
चुनते है।जिसके कारण व्यवस्था परिवर्तन
नही हो पाता है।कल मनमोहन थे आज
मोदी है क्या फर्क परा है आपके जीबन में
आप खुद सोच सकते है।हम लोग चुने हुए को
चुनकर सिर्फ सत्ता परिवर्तन करते है।
इसलिये व्यवस्था परिवर्तन नही हो
पाता है।जिस दिन हम लोग
खुद चुनना शूरू कर देंगे उसी दिन से
व्यवस्था परिवर्तन होने लगेगा।अब यह
हमारे और आपके ऊपर निर्भर करता है की
हम सत्ता परिवर्तन करते रहे या
व्यवस्था परिवर्तन करें।
आजादी कहने से नही मिलेगी आजादी के
लिये परिवर्तन करना होगा।
अनिल कुमार पाल
सामाजिक कार्यकर्ता मैनपुरी
9412591115
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