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शनि का 30 वर्षों बाद अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में प्रवेश तथा जनमानस पर पड़ने वाला इसका गोचरीर प्रभाव

शनि का 30 वर्षों बाद अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में प्रवेश तथा जनमानस पर पड़ने वाला इसका गोचरीर प्रभाव
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पंडित चंद्र प्रकाश अग्निहोत्री ज्योतिष विशारद कानपुर

शनि 29 अप्रैल 2022 को अपने वर्तमान मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। शनि एक राशि में ढाई वर्ष तक रहते हैं।अतः इनका गोचर ज्योतिष जगत में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। यह 13 जुलाई को वक्री अवस्था में पुनः मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे तथा 18 जनवरी 2023 को यह पूर्ण रूप से कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने से धनु राशि से साढ़ेसाती का प्रभाव खत्म हो जाएगा और मकर राशि में साढ़ेसाती का अंतिम चरण शुरू होगा तथा कुंभ राशि में साढ़ेसाती के दूसरे चरण की शुरुआत होगी और मीन राशि पर इसका पहला चरण शुरू हो जाएगा।कर्क तथा वृश्चिक राशि पर शनि की ढैया शुरू हो जाएगी। शनि न्याय के देवता है हमारे सभी कर्मों का हिसाब रखते हैं।कुंभ राशि काल पुरुष कुंडली के ग्यारहवें भाव की राशि है।यह एक सामूहिक राशि है। शनिदेव अपने मूल त्रिकोण में कुंभ में बहुत ही शक्तिशाली अवस्था में रहेंगे। अतः यह अपने पूर्ण फल देने में सक्षम होंगे। शनि कुंभ राशि में धनिष्ठा शतभिषा पूर्वाभाद्रपद में ही भ्रमण करेंगे।

वर्तमान गोचर को देखा जाए तो शनि मंगल के नक्षत्र धनिष्ठा में है और मंगल के साथ कुंभ राशि में रहेंगे।यहां से शनि अपनी तीसरी दृष्टि से मेष राशि को दृष्ट करेंगे। जहां पर सूर्य और राहु पहले से ही विद्यमान हैं तथा मंगल भी राहु के नक्षत्र में ही संचरण कर रहे हैं व राहू, मंगल की राशि व‌ सूर्य के नक्षत्र कृतिका में बैठे हुए हैं। देव गुरु बृहस्पति भी पापकर्तरी योग मे पीड़ित हो रहे है ऐसी स्थिति जहां सभी क्रूर व पापी ग्रहों का संबंध बना हुआ है आने वाले समय में पूरे विश्व के परिपेक्ष में युद्ध ,हिंसा, बड़ी संख्या में आंदोलन आदि को प्रदर्शित कर रहा है। सरकार को कुछ कड़े निर्णय लेने पड़ेंगे तथा उनका विरोध भी किया जाएगा।किसी देश में सत्ता परिवर्तन भी हो सकता है क्योंकि 30 अप्रैल 2022 को सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है।अतः जहां यह ग्रहण दृष्ट होगा वहां पर इसके फल ज्यादा देखने को मिलेंगे। भारत में यह ग्रहण दृष्ट नहीं है।गुरु भी 28 अप्रैल को शनि के उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे।अतः शनि का प्रभाव हर तरफ से देखने को मिलेगा क्योंकि इस साल के राजा स्वयं शनि हैं और शनि कर्मों के हिसाब से ही उनका फल देते हैं।शनि के कुंभ राशि में रहने से टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काफी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। करियर व कर्मों पर इनका अधिपत्य है अतः वैज्ञानिक क्षेत्र में प्रगति देखने को मिलेंगी।कुछ नई योजनाएं बनाई जाएंगी जिनका प्रभाव आने वाले समय मे देखने को मिलेगा । राजनैतिक परिवर्तन देखने को मिलेंगे।कुछ बड़े आंदोलन भी देखने को मिल सकते हैं हालांकि यह समय किसानों के लिए अच्छा रहेगा।शनि जब वक्री होंगे तो करोना का प्रभाव विश्व के कई हिस्सों में दिखाई देगा। शनि व प्लूटो की युति जब तक मकर राशि में रहेगी तब तक करोना के नए नए वेरिएंट आते रहेंगे। हालांकि यह भारत में ज्यादा प्रभावी नहीं होंगे।

आइए बात करें भारत के कुंडली के बारे में एस्ट्रो शुभ्राली पांडेय ज्योतिष विशारद के अनुसारभारत की कुंडली वृष लग्न की है।भारत की कुंडली से शनि का कुंभ राशि में प्रवेश दशम भाव को प्रभावित करेगा तथा गुरु ग्यारहवें भाव में रहेंगे।अतः दशम भाव कर्म का भाव है तथा ग्यारहवां भाव लाभ का भाव है।अतः कर्म से लाभ का संयोग बनेगा।दशम भाव से शनि चौथे भाव को देखेंगे जो कि जनता का भाव है तो जनता में आक्रोश बढ़ेगा लेकिन शनि न्याय करेंगे।कुछ छुपी हुई चीजें लोगों के सामने बाहर आ सकती हैं। शनि के दशम भाव से गोचर से भारत में उद्योग बढ़ेगा। अर्थव्यवस्था अच्छी रहेगी। आगे आने वाले समय में भी देश कई क्षेत्रों में प्रगति करेगा।हालांकि शनि मंगल का योग वायुयान दुर्घटना ,आतंकवादी घटनाएं, हिंसात्मक गतिविधियों को बढ़ाएगी। प्राकृतिक आपदाएं बढ़ेगी। चीन,अमेरिका ,भारत इन सभी में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।

मेष: शनि आपके लाभ और आकांक्षा के घर में स्थित होगा जो कि आपके लिए अत्यंत लाभकारी है। शनि की इस स्थिति से आपको भाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होगी। इस दौरान आपकी सारी मेहनत रंग लाएगी। आपके वेतन में अच्छी वृद्धि हो सकती फ्रेशर्स को उपयुक्त नौकरी खोजने या अपना खुद का कुछ शुरू करने के लिए समय उत्तम है। आप थोड़े काम के प्रति उत्साही और इच्छाशक्ति वाले होंगे सरकारी कर्मचारियों के लिए अनुकूल अवधि होगी, उन्हें उच्च अधिकारियों से सम्मान मिल सकता है।

वृषभ: शनि आपके भाग्य भाव से आपके कर्म भाव में गोचर करेगा। शनि का गोचर आपके पेशेवर जीवन में कुछ अच्छे अवसर लाएगा। आपको नौकरी मिल सकती है। और अपने अधीनस्थों और टीम के अन्य सदस्यों के साथ बेहतर समन्वय होगा। अपने अटके हुए कार्यों की आवाजाही के लिए यह समय अच्छा रहेगा। और कुछ नया होगा आपके जीवन मे

मिथुन : शनि आपके लिए भाग्य का स्वामी । अब शनि आपके भाग्य के घर में चला जाएगा और आपके जीवन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाएगा। यह आपके लंबे समय से प्रतीक्षित कार्यों में कुछ तेजी लाएगा। इस अवधि के दौरान शांत और धैर्यवान रहें। काम के सिलसिले में आप विदेश यात्रा कर सकते हैं। आपके करियर और कमाई को बेहतर बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे।

कर्क : शनि आपकी राशि के सातवें भाव में स्थिति रहेगा। इस अ‍वधि के दौरान दांपत्य जीवन में उथल-पुथल देखने को मिल सकती है। व्यवसाय में भी तालमेल नहीं होने के कारण नुकसान झेलना पड़ सकता है। नौकरी में सहयोगी आपके खिलाफ कोई साजिश रच सकते हैं। वाद-विवाद, कोर्ट-कचहरी से आपको बचकर रहना होगा।

सिंह : शनि का गोचर आपकी राशि के छठे भाव में होगा। इस अवधि के दौरान आप कोर्ट-कचहरी के मामले में उलझ सकते हैं। जीवनसाथी से छोटी-मोटी बातों पर विवाद हो सकता है। व्यवसाय और नौकरी में मिलेजुले परिणाम देखने को मिलेंगे।

कन्या : शनि गोचर की यह अवधि छा‍त्रों के लिए अच्‍छी साबित हो सकती है। जो लोग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उन्हें सफलता मिलने की संभावना है। हालांकि संतान पक्ष की ओर से निराशा हाथ लग सकती है। सुख और शांति में कमी आ सकती है। खर्चे बढ़ जाएंगे और ऋण लेने की नौबत आ सकती

तुला: आप शनि की ढैय्या का सामना कर रहे थे क्योंकि शनि आपके सुख के भाव यानी चौथे घर में विराजमान था। लेकिन अब शनि आपके पिछले जन्म के कर्मों के पंचम भाव में गोचर करेगा, जो आपको अचानक भाग्य और सफलता प्रदान करेगा। शनि छात्रों के लिए अनुकूल परिणाम लाएगा। जो लोग पढ़ाई के लिए अपने मूल स्थान से बाहर जाने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए समय अच्छा हैअपने व्यवसाय के लिए समय अनुकूल है आपके प्रयास सफलता दिलाएंगे।

वृश्चिक : आप की शनि की ढैय्या प्रारंभ हो जायेगी ,अपनी मेहनत का रिजल्ट आपको कठिन परिश्रम करने के बाद ही मिलेगा अनावश्यक चीज़ों में अधिक खर्च कर सकते हैं। यह अवधि मिलेजुले परिणाम वाली होगी। लेकिन अचानक कुछ बड़ा भी हो सकता है लेकिन आपको विवादों से बचना है वहां सावधानी से चलाना है घर भी खरीद सकते है

धनु:आपकी शनि के साढ़े साती समाप्त हो रही है साढ़े-सती के समाप्त ही आपको कई क्षेत्रों में राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। शास्त्रों के बारे में जानने की आपकी प्रवृत्ति होगी और आप धार्मिक कार्यों में भाग लेंगे। जो लोग गर्भधारण करने की योजना बना रहे हैं उनके लिए यह एक शुभ समय है। अपने शौक और रुचियों को अपने पेशे में बदलें। शनि कुछ अचानक लाभ लाएगा। शोध कार्य करने वालों के लिए भी यह समय अच्छा रहेगा। उपयोग करे

मकर : मकर राशि वालों के लिए शनि की साढ़े साती का अन्तिम चरण है अब आप को इस अंतिम चरण मे अपनी 5 साल की मेहनत और किये गए कर्मो के अनुसार फल मिलेगा ,मन लगा कर कार्य करे सफलता जरूर मिलेगी, कुटुंब मे उल्लास रहेगा, धन की वृद्धि होगी, बस आपको अपने कर्म अच्छे रखने होंगे तभी श्रेष्ठ फल मिलेगा इस बात का ध्यान रखे

कुंभ : आप भी साढ़ेसाती के दौर से गुजर रहे हैं और अब शनि गोचर के साथ ही साढ़े साती के दूसरे चरण में चले जाएंगे। शनि आपके पहले भाव में गोचर करेगा जहां से यह पूरी कुंडली पर अपना प्रभाव डालेगा, भाइयो के विवाद से बचे,पत्नी के साथ रिश्ते ठीक रखे आपको कुछ नए अवसर मिलेंगे। लेकिन मेहनत करने के से ही सफलता मिलेगी आपको अपने अतीत का फल मिलेगा।

मीन-आपकी साढ़े साती का प्रथम चरण प्रारंभ हो रहा है इसलिए पिछले कई सालों मे किये गए पूण्य और पाप कर्मों के अनुसार फल मिलने का समय आ गया,अच्छे को अच्छा ,बुरे को बुरा फल मिलेगा विदेशी बाजार से जुड़े इस राशि वालों के लिए यह गोचर फायदेमंद होगा। नौकरी में स्थान परिवर्तन संभव है। इस दौरान आप अच्छी खासी कमाई करेंगे। आप

सामाजिक रूप से सक्रिय रहेंगे और कुछ उपयोगी पेशेवर संबंध बनाएंगे। व्यय कभी-कभी आय से अधिक हो सकता है। वाहन सावधानी से चलाए भाई-बहन के साथ रिश्ते में सुधार होगा और आपको कुछ वित्तीय लाभ मिल सकता है।

पंडित चंद्र प्रकाश अग्निहोत्री ज्योतिष विशारद कानपुर 9044873296

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