कोरोना वायरस मनुष्य से भी चतुर निकला, वैक्सीन की खोज होते ही अपना रुप बदल दिया

ओमप्रकाश यादव।
अहमदाबाद गुजरात। ब्रिटेन में मिले कोरोना वाइरस के रुप ने पूरे विश्व को चौका दिया है। परिस्थिति देख कर ऐसा लग रहा है कि कोरोना वाइरस मानव से भी अधिक चालाक है। वैक्सीन के बाजार में पहुँचते ही अपना रुप बदल दिया। ब्रिटेन के हेल्थ मिनिस्टर के अनुसार वहाँ की स्थिति बहुत गंभीर है। सरकार इस नये स्वरुप से होने वाली बीमारी को रोकने का प्रयास कर रही है। कोरोना के नए वाइरस ने ब्रिटेन के साथ पूरी दुनिया को एक नई परेशानी में डाल दिया है।अहमदाबाद में भी कोरोना से ठीक हुए मरीजों में म्युक्रोमाइकोसिस के मामले सामने आया है ऐसी परिस्थिति में लोगों के मन में सहज रुप से प्रश्न उठता कि यह भी कोरोना का नया म्यूटेशन या स्टेन्स तो नहीं है।
कोरोना वैक्सीन को अधिकारिक रुप से अनुमति देने वाला ब्रिटेन दुनिया का पहला देश था। दिसम्बर के दूसरे सप्ताह से ही वहाँ वैक्सीन देने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। सबको पहले जैसे जन जीवन सामान्य होने की उम्मीद थी ।इसी बीच पता चला कि एक नये प्रकार के कोरोना वाइरस से बीमारी फैल रही है, जिसकी ऱफ्तार पहले के कोरोना वाइरस से 70 गुना अधिक है। ब्रिटेन में अचानक कोरोन संक्रमित मरीजों की संख्या और मरने वालों की संख्या को ध्यान में
हुए लंदन सहित ब्रिटेन के कई क्षेत्रों में सख्त लॉक डाउन लगा दिया गया है। इस विषम परिस्थिति के मद्देनजर लगभग तीस से अधिक देशों ने ब्रिटेन के साथ हवाई सम्पर्क रोक दिया है। ब्रिटेन के अलावा अन्य छह देशों में इस प्रकार के वाइरस पाए गए हैं। कोरोना की महामारी से सभी देश परिचित है, अब इन नई चुनौती का सामना कैसे होगा और जो वैक्सीन बनी है वह नये वाइरस पर कितना प्रभावशाली रहेगी? यह विचारणीय प्रश्न है।
वाइरस जब किसी सजीव के शरीर में प्रवेश करते हैं तो कोशिका में प्रवेश कर सक्रिय हो जाते और अपने जैसा ही दूसरा वाइरस बनाते हैं। इस घटना को म्युटेशन कहते हैं। इस प्रक्रिया में कई बार नया वाइरस पहले वाले वाइरस से अलग हो जाते। वाइरस के इस अलग रुप को स्टेन्स कहा जाता है। कोरोना वाइरस का स्टेन्स चीन से शुरु हुआ था लेकिन दुनिया के अन्य देशों में वह स्टेन्स नहीं पाया गया है।अब तक कोरोना वाइरस के छह स्टेन्स मिले हैं। अब तक जो वैक्सीन बनी है वह कोरोना वाइरस के छह रुपों पर प्रभावकारी है। नया स्टेन्स वाले वाइरस ब्रिटेन सहित नेथरलेंड, डेनमार्क, बेल्जियम एवं दक्षिण अफ्रीका में पाए गए हैं। ब्रिटेन और अमेरिका में दी जाने वाली फाइजर और मोडर्ना की वैक्सीन नये स्टेन्स पर कितना कारगर होती है।
विशेषज्ञों के अनुसार नये वाइरस में म्यूटेशन की प्रक्रिया बड़ी तेजी से हो रही है। अब तक 23 प्रकार के म्यूटेशन हो चुके हैं। जो इस बात का प्रमाण है कि वाइरस अपना रुप तेजी से बदल रहा है। रक्त वाहिनियों में प्रवेश करते ही संक्रमण की रफ्तार बढ जाती। कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों के शरीर में एन्टिबाडी बन जाती है, परन्तु वाइरस के नये रुप पर उस एन्टिबाडी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। वर्तमान कोरोना वैक्सीन वाइरस के स्पाइक को टार्गेट करती है। यह नये पर कितना प्रभावशाली होगी यह तो समय बताएगा। भारत सरकार दावा कर रही है कि नये कोरोना वाइरस के एक भी मरीज देश में नहीं है। उम्मीद है कि यह कथन सत्य हो और देश में जन जीवन यथा शीघ्र पूर्ववत बने।