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विवाह पंचमी आज, जानें राम-सीता विवाह की विधि और मान्यताएं

विवाह पंचमी आज, जानें राम-सीता विवाह की विधि और मान्यताएं
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आज 19 दिसंबर को विवाह पंचमी है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, विवाह पंचमी के दिन ही भगवान राम और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था. हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान राम और माता सीता के विवाह का उत्सव मनाया जाता है. इसे विवाह पंचमी कहा जाता है. मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही अयोध्या के राजकुमार मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का विवाह मिथिला नरेश राजा जनक की पुत्री सीता से संपन्न हुआ था. इसे श्रीराम पंचमी या विहार पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन नागदेवता की पूजा अर्चना का विधान है.आइए जानते हैं विवाह पंचमी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मान्यताएं

विवाह पंचमी तिथि और मुहूर्त

विवाह पंचमी की तिथि: 19 दिसंबर 2020, शनिवार की सुबह से.

पंचमी तिथि की समाप्ति: 19 दिसंबर 2020, शनिवार को दोपहर 2 बजकर 13 मिनट

ऐसे संपन्न करें विवाह

*भगवान राम और माता सीता के वैवाहिक स्वरूप वाली प्रतिमा या चित्र की स्थापना करें.

*भगवान राम और सीता की मूर्ति को लाल वस्त्र अर्पित करें.

*भगवान राम और सीता का गठबंधन करवाएं.

*फेरे, सिंदूर और मंगल सूत्र की रस्म पूरी करें.

*भगवान को भोग लगाएं और प्रसाद बांटें.

विवाह पंचमी की मान्यताएं:

माना जाता है कि इस विवाह में शामिल होने से कुंडली के दोषों का निवारण होता है. भगवान राम के आशीर्वाद से कई तरह की समस्याओं से मुक्ति मिलती है.

*माना जाता है कि विवाह में आ रही बाधा दूर होती है.

*योग्य वर की प्राप्ति होती है.

*गृह क्लेश का भी निवारण होता है.

*घर में सुख-समृद्धि आती है.

*जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति और शुक्र ग्रह अनुकूल बनते हैं.

आप भी इस विवाह को संपन्न करवाकर मन चाहा फल प्राप्त कर सकते हैं. विवाह संपन्न करने के लिए शाही इंतज़ाम करने की ज़रूरत नहीं, अपनी श्रृद्धा के अनुसार कर सकते हैं.

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