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छोटी दिवाली पर कब करें हनुमान पूजा? जानें शुभ मुहूर्त और महाउपाय

छोटी दिवाली पर कब करें हनुमान पूजा? जानें शुभ मुहूर्त और महाउपाय
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सनातन परंपरा में हनुमान जी को चिरंजीवी माना जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार पवनपुत्र हनुमान जी एक ऐसे देवता हैं जो हर युग में मौजूद रहते हैं और श्रद्धा और भक्ति के साथ सुमिरन करने पर अपने भक्तों की मदद के लिए दौड़े चले आते हैं. दीपावली के एक दिन पहले यानि कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी के दिन हनुमान जी की विशेष पूजा का विधान है. हिंदू मान्यता के अनुसार छोटी दिवाली के दिन बजरंगी की विधि-विधान से पूजा करने पर उनकी पूरे कृपा बरसती है और साधक को बल, बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद मिलता है. आइए छोटी दिवाली की पूजा पर हनुमान जी की पूजा का शुभ मुहुर्त और महाउपाय जानते हैं.

हनुमान पूजा का शुभ मुहूर्त

सनातन परंपरा में कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की जिस चतुर्दशी तिथि पर हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है, वह पंचांग के अनुसार इस साल 19 अक्टूबर 2025 को दोपहर 01:51 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर 03:44 बजे तक रहेगी. पंचांग के अनुसार छोटी दिवाली के दिन की जाने वाली यह हनुमत पूजा 19 अक्टूबर को ही की जाएगी. जिसकी पूजा का सबसे उत्तम मुहूर्त रात्रि को 11:41 बजे से लेकर 20 अक्टूबर 2025 को पूर्वाह्न 00:31 बजे तक रहेगा.

हनुमान पूजा का महाउपाय

छोटी दिवाली पर हनुमान जी पूजा में उन्हें सबसे प्रिय लगने वाली चीज यानि सिंदूर को शुद्ध घी में लगाकर उनके शरीर पर लगा दें. मान्यता है कि इस उपाय को करने से आर्थिक दिक्कत दूर होती है और बजरंगी का आशीर्वाद बना रहता है.

हिंदू मान्यता है कि यदि हनुमान पूजा में सरसों के तेल का दीया जलाकर हनुमान जी की आरती और पूजा किया जाए तो बड़े से बड़ा संकट हनुमान जी शीघ्र ही दूर कर देते हैं.

मान्यता है कि हनुमान जी पान अर्पित करने पर शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं. ऐसे में आप हनुमान पूजा का शुभ फल पाने के लिए बजरंगी को पान की माला या फिर मीठा पान चढ़ाएं.

हिंदू मान्यता के अनुसार हनुमान जी की पूजा में बूंदी का लड्डू या सिर्फ बूंदी भी चढ़ाकर उनकी कृपा पाई जा सकती है लेकिन यदि उन्हें शीघ्र प्रसन्न करना है तो आप उनकी पूजा में चने के साथ गुड़ का भोग लगाएं.

​हनुमान पूजा में बजरंगी को विशेष रूप से तुलसी दल अर्पित करें और यदि संभव हो तो तुलसी की माला पहनाएं. इस उपाय को करने पर हनुमान जी से बल के साथ बुद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होगा.

हनुमान जी की आरती |

आरती कीजै हनुमान लला की.

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की.

जाके बल से गिरिवर कांपे.

रोग दोष जाके निकट न झांके.

अंजनि पुत्र महाबलदायी.

संतान के प्रभु सदा सहाई.

दे बीरा रघुनाथ पठाए.

लंका जारी सिया सुध लाए.

लंका सो कोट समुद्र सी खाई.

जात पवनसुत बार न लाई.

लंका जारी असुर संहारे.

सियारामजी के काज संवारे.


लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे.

आणि संजीवन प्राण उबारे.

पैठी पताल तोरि जमकारे.

अहिरावण की भुजा उखाड़े.

बाएं भुजा असुर दल मारे.

दाहिने भुजा संतजन तारे.

सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे.

जै जै जै हनुमान उचारे.

कंचन थार कपूर लौ छाई.

आरती करत अंजना माई.

लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई.

तुलसीदास प्रभु कीरति गाई.

जो हनुमानजी की आरती गावै.

बसी बैकुंठ परमपद पावै.

आरती कीजै हनुमान लला की.

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की.

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