दूसरे प्रदेशों से वहां काम करने पहुंचे लोग अब पलायन को मजबूर दिख रहे हैं. रविवार को बिहार के दो प्रवासी मजदूरों की कश्मीर में हत्या के बाद रेलवे स्टेशनों का नजारा बदल गया है. जम्मू रेलवे स्टेशन पर भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों की भीड़ देखने को मिली, जो अपने घर लौटना चाहती है. जम्मू रेलवे स्टेशन के फुटपाथ पर भारी संख्या में लोग बैठे हैं, सब अपने-अपने घर जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं
अपने हालात बयां करते हुए कुछ मजदूरों की आंखें भी भर आईं. भूख की वजह से वहां मजदूरों के बच्चे रोते-बिलखते दिखे. आजतक से बात करते हुए मजदूरों ने कहा,'हम लोग कभी वापस घाटी (कश्मीर) में नहीं जाएंगे क्योंकि वहां आतंकी धमकी दे रहे हैं और चुनकर हमले कर रहे हैं.'
कश्मीर में पांच अक्टूबर के बाद से पांच प्रवासियों की हत्या हो चुकी है। जिसमें बिहार के चार मजदूर-रेहड़ी वाले हैं और उत्तर प्रदेश के एक मुस्लिम कारपेंटर भी शामिल है। इससे पहले एक स्थानीय सिख और हिंदू शिक्षक की हत्या कर दी गई थी। मशहूर दवा कारोबारी कश्मीरी पंडित मक्खनलाल बिंद्रू को भी आतंकियों ने मार दिया था। लगातार हो रहे टारगेट किलिंग से वहां बाहरी लोगों और प्रवासी मजदूरों में डर का माहौल है।
ऐसे में भारी संख्या में जम्मू-कश्मीर में काम कर रहे प्रवासी मजदूरों के राज्य से पलायन की खबरें आ रही हैं। हालांकि सामान्य तौर पर सैंकड़ों मजदूर सर्दियां शुरु होने और दीपावली के त्योहार पर अपने घर लौटते हैं लेकिन राज्य में हिंसा बढ़ जाने से वे पहले ही वहां से निकलने की कोशिश में है।