भदोही के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पर फर्जी डिग्री के गंभीर आरोप, जांच की मांग

भदोही: उत्तर प्रदेश के भदोही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह पर बीएड की फर्जी मार्कशीट और डिग्री के माध्यम से सरकारी नौकरी हासिल करने का सनसनीखेज आरोप सामने आया है। इस संबंध में ग्राम जखैहा निवासी अशोक कुमार मिश्रा ने 13 मई 2025 को यूपी सरकार के अपर प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा को एक विस्तृत शिकायती पत्र भेजा गया है। इसमें कई गंभीर बिंदुओं का उल्लेख करते हुए तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विभागीय स्तर पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि, इस मामले में अब तक बीएसए का कोई बयान सामने नहीं आया है।
शिकायती पत्र में कहा गया है कि भूपेंद्र नारायण सिंह ने पं. दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की बीएड की फर्जी मार्कशीट के आधार पर 16 जनवरी 1991 को जौनपुर के इम्पीरियल कॉलेज कोनार्का में असिस्टेंट टीचर के पद पर नौकरी प्राप्त की। यह पद वे 25 अक्टूबर 2010 तक संभालते रहे। इसके बाद वे सहायक लेखाकार के पद पर बांदा जनपद में तैनात किए गए। प्रतापगढ़, गोरखपुर और अब भदोही जिले के बीएसए का पद संभालते हुए उन पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया है कि भदोही बीएसए की बीएड डिग्री की वैधता पर पहले भी कई बार सवाल उठे हैं। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में विश्वविद्यालय से सत्यापन नहीं हो सका है। बावजूद इसके संबंधित अधिकारियों की ओर से जानकारी नहीं दी गई और मामले को बार-बार नजरअंदाज किया गया।
शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि बीएसए की बीएड डिग्री वर्ष 1987 की है, जबकि उन्होंने इस डिग्री का उपयोग करते हुए लगभग 35 वर्षों से विभिन्न पदों पर सरकारी नौकरी कर वेतन एवं अन्य सरकारी लाभ प्राप्त किए हैं। यदि यह डिग्री फर्जी साबित होती है, तो यह राज्य सरकार को करोड़ों रुपये का आर्थिक नुकसान होगा।
जनपद भदोही के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री भूपेंद्र नारायण सिंह के बीएड की मार्कशीट फर्जी/कूटरचित होने के संबंध में साक्ष्यों सहित की गई शिकायत: pic.twitter.com/f6GjDiB8sG
— बेसिक शिक्षा सूचना केंद्र (@Info_4Education) May 19, 2025
आरटीआई से नहीं दी जानकारी
शिकायत में यह भी बताया गया है कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत कई बार जानकारी मांगे जाने के बावजूद जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर की ओर से जानकारी नहीं दी गई। मामला आईजीआरएस पोर्टल पर भी दर्ज कराया गया है, लेकिन अब तक कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं हुई है।
पत्र में मांग की गई है कि भूपेंद्र नारायण सिंह को तत्काल निलंबित करते हुए संबंधित विश्वविद्यालय से उनकी बीएड मार्कशीट एवं डिग्री की गहन जांच कराई जाए। साथ ही, उनके द्वारा अब तक प्राप्त सभी लाभों की वसूली कर उन्हें मिलने वाले पेंशन एवं ग्रेच्युटी आदि पर रोक लगाई जाए।