वैशाख मास की बुधाऽष्टमी योग का महत्व

Update: 2024-04-30 16:27 GMT


( निरंजन मानमाड़कर)

ध्यान रखिए कल बुधवार एवं अष्टमी एकत्रित बुधाऽष्टमी योग है, यह ग्रहण काल के समान पुण्यदायि माना है,

अष्टमी बुधसंयुता, तथा कृष्णपक्ष की अष्टमी महानिशा पुण्यकाल तथा बृहस्पतिजी का वृषभ राशी में आगमन होगा यह गुरू संक्रमण काल है, एवं वैशाख मास होने के कारण यह वैशाख स्नान का महापुण्यकाल काल माना गया है......!

अतः धर्मपरायण सभी साधक, उपासकों को चाहिए के वे कल प्रातः सूर्योदय से पूर्व नदी या तीर्थ स्नान करें, यदि संभव नही है तो अपने घर में ही तीर्थं का स्मरण कर स्नान करें.

अष्टमी होनें के कारण माँ भगवती की पूजा अवश्य करें, जप पारायण जो भी संभव हो वह साधन अवश्य करें.

गुरू संक्रमण के पुण्यफल हेतू जप, दान अवश्य करना चाहिए, जिससे गुरू महाराज की विशेष कृपा प्राप्त हो.

जो भी कर्म ग्रहण काल में ग्राह्य माना गया है वह सभी कर्मोंका अनुसरण कल करना चाहिए!

ॐ नमश्चण्डिकायै

निरंजन मनमाडकर श्रीक्षेत्र पंढरपूर श्रीकृष्णावेणीअक्षय्यकृपाप्रसादमस्तु

नक्षत्र श्रवण नक्षत्र है

योग शुभ योग है

कल कामगार दिन की रजा है इसिलिए कल के पुण्यकाल का लाभ अवश्य लिजिए

बुधाऽष्टमी बुधवार ०१/०५ /२०२४

कालाष्टमी

ॐ नमश्चण्डिकायै

रेणुका नंदन स्मरण भार्गवराम

निरंजन मनमाडकर ✍🏻

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