अभय सिंह
मची है चीख पुकार।
उजड़ गया परिवार।।
उत्तरदायी कौन है?
आंख खोले सरकार।।
गमगीन पूरा देश है।
विपदा पड़ी है आन।।
भयावह जो तस्वीरें।
जिनकी चली गई जान।।
तंत्र पहले से बेहतर।
ठोकते थे जो ताल।।
निकले थे गंतव्य पर।
चले गए काल के गाल।।
होगा फिर से वही।
घिसी पीटी बातें।।
भारी है दुर्घटना।
अफसोस खूब जताते।।