एग्जिट पोल के नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत पल-पल करवट बदल रही

Update: 2019-05-20 03:35 GMT

लोकसभा चुनाव को लेकर आए एग्जिट पोल के नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत पल-पल करवट बदलती दिख रही है. विपक्ष को अभी भी उम्मीद है कि एनडीए को वह रोकने में सफल रहेगा. इस स्थिति में गैर बीजेपी मोर्चे की सरकार बनाने के लिए विपक्ष की कवायद रविवार को भी जारी रही. इसी क्रम में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह कांग्रेस को समर्थन दे सकते हैं.

वहीं खबर आई थी कि मायावती बसपा सुप्रीमो मायावती भी सोमवार को दिल्ली जा सकती हैं. बताया जा रहा था कि दिल्ली में वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकती है, जिसमें वह 23 मई को आने वाले नतीजों को लेकर चर्चा कर सकती हैं. हालांकि बीएसपी महासचिव ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा है कि सोमवार को मायावती दिल्ली नहीं जा रही हैं, वह लखनऊ में ही रहेंगीं. उनका दिल्ली जाने का न तो कोई प्रोग्राम है, न ही कोई मीटिंग प्रस्तावित है.


वैसे गैर बीजेपी मोर्चे की कवायद की बात करें तो जहां एक तरफ टीडीपी अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू लगातार विपक्ष के नेताओं से मिल रहे हैं, वहीं अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो कांग्रेस को समर्थन दे सकते हैं.

रविवार को मीडिया से बातचीत में सपा अध्यक्ष ने कहा कि गरीबों, किसानों, देश और भाईचारे की बात करने वाली पार्टियां 23 मई के बाद देश को नया पीएम देने के प्रयास में हैं. इसके लिए टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू सभी नेताओं से बात कर रहे हैं. जरूरत पड़ी तो कांग्रेस को समर्थन दिया जाएगा. अखिलेश ने दावा किया कि यूपी में महागठबंधन को सबसे ज्यादा सीटें मिलेंगी.

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