वाराणसी के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ लोकसभा सीट सबसे अहम हो गई है. यह सीट बीजेपी और सपा के लिए नाक की लड़ाई हो गई है, क्योंकि सपा से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तो बीजेपी से अभिनेता से नेता बने दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. खास बात यह है कि आजमगढ़ में चुनाव का तरीका सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. दरअसल, बीजेपी और एसपी एक दूसरे पर 'चुनावी बिरहा' के जरिए हमले कर रहे हैं. भोजपुरी फिल्म स्टार दिनेश लाल यादव अपनी रैली में नून (नमक)- रोटी खाएंगे, मोदी को जिताएंगे...ठीक है...' का गीत गाकर चुनावी मौसम को अपने पक्ष में करने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं तो सपा की तरफ से 'बुआ और बबुआ का मेल हो गइल, मोदी के गणित सब फेल हो गइल ' गीत गाया जा रहा है. दोनों पार्टियों का यह अंदाज लोगों को खूब भा भी रहा है.
बताते चलें कि पूर्व में दिनेश लाल यादव अभिनेता बनने से पहले लोक गीत ही गाया करते थे. लोक गीत से ही उन्हें प्रसिद्दी मिली थी. चुनाव अभियान के बारे निरहुआ का कहना है कि लोकगीत को यहां के लोग बहुत प्यार करते हैं. यही वजह है कि जनता मुझ जैसे कलाकार से बहुत प्यार करती है. जनता ने तय कर लिया है कि नरेंद्र मोदी को फिर से लाना है. हम लोग जनता की इसी भावना को गीत के माध्यम से प्रकट कर रहे हैं.
वहीं, अपने भाई द्वार विरोध में प्रचार करने पर निरहुआ का कहना है कि विजय लाल जी मेरे बड़े भाई हैं. हम दोनों के बीच विचारधारा की लड़ाई है. वैसे हमारे व्यक्तिगत सम्बंध में किसी तरह की कोई कड़वाहट नहीं है. इसी तरह से सपा की रैलियों में मोदी और योगी को निशाना बनाकर गीत गाए जा रहे हैं. उनमें से यह गाना पार्टी समर्थकों के बीच खासा लोकप्रिय है कि 'बुआ और बबुआ का मेल हो गइल, मोदी के गणित सब फेल हो गइल.'
सपा के विजय लाल यादव का कहना है कि मैं सदा समाजवादी था और आगे भी रहूंगा. विजय लाल ने कहा कि जबकि निरहुआ का कहना है कि नून-रोटी खाएंगे, मोदी को जिताएंगे, लेकिन मैं कहता हूं कि दूध-रोटी खाएंगे, अखिलेश को जिताएंगे. विजय लाल के अनुसार पूर्वांचल में बिरहा जगत शुरू से सपा के साथ रहा है और इस बार भी है.'