अमेठी। अमेठी का इतिहास कहता है कि यह पहली बार है, जब नेता से लेकर आम जनता और प्रत्याशी से लेकर राजनीतिक विश्लेषक तक परिणाम को लेकर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं। राहुल गांधी(Rahul Gandhi) की जैसी घेराबंदी भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने की है, वैसी कभी देखने को नहीं मिली। जो आलम अमेठी में इस बार है, पहले कभी नहीं था। पक्ष हो या विपक्ष, नेता हो या मतदाता-सब की जुबान पर बस एक बात है कि मामला 50-50 है।
अमेठी में दस अप्रैल को राहुल तो 11 अप्रैल को स्मृति के नामांकन दाखिल होने के साथ ही सियासी रस्साकसी बढ़ती चली जा रही है। दस को जहां राहुल के साथ नामांकन में उनका पूरा परिवार शामिल था वहीं स्मृति ने भी 11 को अपने पति व सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में ताकत का अहसास कराया था। नामांकन के साथ ही शुरू हुई सियासी तपिश बढ़ती चली गई।
कांग्रेस से छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कमान थामी तो भाजपा से स्मृति के पक्ष में सीएम योगी जनसभा कर मतदाताओं को रिझा रहे हैं। यही नहीं इस चुनाव में दोनों दलों से देश के कई प्रांतों के कार्यकर्ताओं ने ताकत झोंक दी है। कांग्रेस से छत्तीसगढ, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा के कई विधायक, राज्यसभा सांसद व बड़े नेता लगातार संसदीय क्षेत्र में भ्रमण कर राहुल के लिए समर्थन मांग रहे हैं।
वहीं भाजपा से केंद्रीय मंत्री अजय टमटा, संजीव बाल्यान के साथ हरियाणा व प्रदेश के कई मंत्री लगातार जनसंपर्क व जनसभाएं कर मतदाताओं को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी की 2014 के चुनाव के बाद से लगातार सक्रियता के साथ अमेठी के साथ जोडे़ गए भावनात्मक रिश्तों की भी दुहाई दी जा रही है।
जनसभाओं के माध्यम से वह इस बात का अहसास भी करा रही हैं कि दीदी का जो रिश्ता उन्होंने जोड़ा था, उसे वह पूरी तरह से निभाती चली आई हैं। राहुल की तरफ से प्रियंका वाड्रा ने कमान संभाल रखी है। नामांकन के बाद से ही वह लगातार अमेठी में ही जनसंपर्क, महिलाओं के साथ चौपाल कर उनके करीब पहुंच रही हैं तो अमेठी में पिता द्वारा जोड़े गए रिश्ते और खुद के 12 साल की उम्र में अमेठी आने व यहां से लगाव के साथ पारिवारिक रिश्तों की याद ताजा कर रही हैं।
संसदीय क्षेत्र के सलोन से जगदीशपुर के बल्दीराय क्षेत्र तक दोनों दलों के नेता भ्रमण कर सभाएं कर रहे हैं। मामला करीब पर आकर ठहर गया है। यह चुनाव किस करवट बैठेगा, यह तो 23 मई को परिणाम आने के बाद ही तय होगा। अमेठी का चुनाव वास्तव में कैसा है, यह गौरीगंज के रेलवे स्टेशन के निकट जमीं चौपाल में पता चलता है। यहां घंटों की सियासी चर्चा के बाद अचानक लोग एक बात पर सहमत हो जाते हैं कि 'भइया कुछ कहब बहुत मुश्किल है। मामला 50-50 हो गवा है।'
प्रियंका वाड्रा ने पहले बच्चों से प्रधानमंत्री मोदी जी के लिए अपशब्द कहलवाए, अब उनकी तुलना पशुओं से की। यह है कांग्रेस के संस्कार।
बीजेपी अमेठी
हर दिन अपने संस्कार का परिचय देती श्रीमती वाड्रा। गालियां कम थीं जो अब समर्थकों के जरिये जानवर तक बुलवा रही हैं प्रधानमंत्री जी को... शर्मनाक!
स्मृति ईरानी, भाजपा प्रत्याशी, अमेठी
अमेठी और यहां के लोगों से प्यार और सम्मान का वर्षों पुराना रिश्ता है। यहां की मिट्टी में एक अलग ही जच्बा है, जो न्याय के लिए लड़ने का हौसला देती है।
राहुल गांधी, कांग्रेस प्रत्याशी, अमेठी