प्रज्ञा ठाकुर के प्रचार करने पर 72 घंटे की रोक

Update: 2019-05-01 15:51 GMT

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर चुनाव आयोग ने 72 घंटे तक प्रचार करने से रोक लगा दी है। प्रज्ञा ठाकुर पर शहीद एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे और बाबरी मस्जिद पर की टिप्पणियों के लिए रोक लगाई गई है। ये रोक गुरुवार सुबह 6 बजे से लागू होगी। उनके बयानों को आयोग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना है।

एक टीवी चैनल से बात करते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि वह बाबरी मस्जिद ढांचे पर चढ़ीं और उसे गिराने में मदद की। उन्होंने कहा कि अब उसी जगह पर राम मंदिर बनाया जाएगा जहां बाबरी मस्जिद मौजूद थी। उनके बयान के लिए चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भी थमाया था, जिसमें उन्होंने कहा कि मैंने किसी जाति, धर्म, समुदाय, भाषा आदि इत्यादि के मध्य उन्माद या धार्मिक भावनाओं को आहत करने अथवा ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से कोई बयान नहीं दिया। मेरा बयान मेरी स्वयं की अंतरात्मा की आवाज को व्यक्त करता है।


वहीं प्रज्ञा ने मालेगांव बम विस्फोट में गिरफ्तारी के दौरान प्रताड़ित करने का आरोप हेमंत करकरे पर लगाया था। उन्होंने कहा था, 'उन दिनों मैं मुंबई जेल में थी। जांच आयोग ने सुनवाई के दौरान एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब प्रज्ञा के खिलाफ कोई सबूत नहीं है तो उन्हें छोड़ क्यों नहीं देते। तब हेमंत ने कई तरह के सवाल पूछे, जिस पर मैंने कहा कि इसे भगवान जाने। इस पर करकरे ने कहा कि तो, क्या मुझे भगवान के पास जाना होगा। उस समय मैंने करकरे से कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा, उसी दिन से उस पर सूतक लग गया था और सवा माह के भीतर ही आतंकवादियों ने उसे मार दिया था। हिंदू मान्यता है कि परिवार में किसी का जन्म या मृत्यु होने पर सवा माह का सूतक लगता है। जिस दिन करकरे ने सवाल किए, उसी दिन से उस पर सूतक लग गया था, जिसका अंत आतंकवादियों द्वारा मारे जाने से हुआ।'

इस पर भी चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस दिया था, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, 'शहीद के बारे में उनकी ओर से अपमानजनक बात नहीं कही गई। वक्तव्य की एक पंक्ति के आधार पर आशय नहीं निकालना चाहिए, बल्कि पूरे वाक्य का अर्थ निकाला जाना चाहिए।'

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