मोदी के खिलाफ खड़े संतों के प्रत्याशी का पर्चा खारिज, धरने पर बैठे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में संत समाज ने उनके खिलाफ चुनावी ताल ठोकी थी। पीएम मोदी के खिलाफ अखिल भारतीय राम राज्य परिषद के उम्मीदवार ने सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल किया था। लेकिन मुख्य उम्मीदवार का नामांकन खारिज होने पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद नाराज हो गए और धरने पर बैठ गए।
सोमवार को अखिल भारतीय राम राज्य परिषद के प्रत्याशी और राष्ट्रीय संयोजक बीएचयू से चार बार गोल्ड मेडलिस्ट वेदांताचार्य श्रीभगवान ने नामांकन किया था। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने चार डमी प्रत्याशी के साथ वेदांताचार्य को मुख्य प्रत्याशी घोषित किया था। मंगलवार को वेदांताचार्य का नामांकन खारिज होने के कारण स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद नाराज हो गए और कचहरी परिसर में धरने पर बैठ गए।
कचहरी परिसर में जमकर की नारेबाजी
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के दबाव पर हमारे प्रत्याशी का पर्चा खारिज किया गया है। सिर्फ पीएम मोदी वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ेंगे। संतों के साथ मिल कर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने 'हर-हर महादेव' का उद्घोष किया। साथ ही धरने पर बैठ कर नारेबाजी 'तानाशाही नहीं चलेगी' शुरू कर दी।
स्वामी अविकमुक्तेश्वरानंद ने रायफल क्लब के बाहर धरने पर बैठे हैं। स्वामी ने मौन व्रत धारण कर रखा है और परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
पुलिस ने बताया कि चुकी आचारसंहिता चल रही है इसलिए धरना गैरकानूनी है। उन्होंने बताया की जिला निर्वाचन अधिकारी उनसे मिल कर उनकी बात सुनेंगे। फिलहाल स्वामी जी 100 मीटर दूर अब धरना देंगे।