मोदी पर फिदा काशी, रोड शो में टूट गये सारे रिकार्ड, नामवर तो बनारस की 'सुबह' है लेकिन मोदी ने गुरुवार की 'शाम' को यादगार बना दिया
अपने संसदीय क्षेत्र में दूसरी पारी खेलने पहुंचे मोदी केस्वागत में जनसैलाब उमड़ पड़ा। तीन बजे से उनका रोड शो प्रस्तावित था पर, सवा दो घंटे की देरी से शुरू हुए इस मेगा शो में अब तक के सारे रिकार्ड टूट गए। लंका से लाखों निगाहों की छाया से गुजरती हई विविध रंगों से सजी उनकी यात्रा मदनपुरा तक पहुंची तो काशी अभिभूत थी। मोदी पर फिदा थी। मोदी ने भी काशी का दिल जीत लिया।
गुरुवार को बीएचयू के सामने लंका चौराहे पर जनसैलाब उमड़ पड़ा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी के लिए चिलचिलाती धूप में भी लोग पूरे उत्साह से जमे थे। मोदी को तीन बजे यहां पहुंचना था पर वह करीब सवा पांच बजे शाम को काली रेंज रोवर से भगवा कुर्ता पहने उतरे तो मोदी-मोदी के नारे गूंज उठे। मोदी सीढि़यां चढ़कर पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर पहुंचे और आधा शरीर झुकाकर दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम किया। मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद वह जनता की ओर घूमे।
जनता-जनार्दन के अभिवादन में भी बिल्कुल वही अंदाज। उन्होंने चारों तरफ प्रणाम की मुद्रा में परिक्रमा की और नीचे उतर आए। अपने वाहन में जाते ही रूफटॉप से जनता की ओर हाथ लहराया और कारवां चल पड़ा। फूलों की बारिश शुरू हो गई। जनसैलाब के इस प्यार और समर्पण को देखकर मोदी की आंखों में उजाले के नये प्रतिबिंब उभर आए। उनका कारवां अस्सी की ओर मुड़ा।
दोनों तरफ कतारबद्ध लोग मोदी की झलक पाने के लिए बेचैन हो गए। पीछे एक बड़े वाहन पर बनाये गये रथ पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष डा. महेंद्र नाथ पांडेय, लोकसभा क्षेत्र प्रभारी और केंद्रीय मंत्री जेपी नड़डा समेत कई प्रमुख लोग सवार थे। इसके बाद वाहनों की लंबी कतार। मोदी, छत की मुंडेरों से झांक रहीं महिलाओं, बच्चों व बूढ़ों से हाथ हिलाकर अभिवादन करते और अपने ऊपर बरस रही गुलाब की पंखुडि़यों को चेहरे से हटाते।
उनकी काले रंग की रेंज रोवर गुलाबी हो गई थी। जहां तक नजर जा रही थी, बस सिर ही सिर नजर आ रहे थे। कोई केसरिया टीशर्ट पहने तो कोई पगड़ी बांधे। किसी के गले में भाजपा का भगवा दुपट़टा तो कहीं रामायण के पात्रों के वेश में रामजी की सेना। विहंगम दृश्य था और मोदी की भावुकता उनके चेहरे पर झलक रही थी। काशी बोले 'दिल से-मोदी फिर से', जैसे नारे गूंज रहे थे।
गंगा आरती का समय सात बजे निर्धारित है। हालांकि लोगों से मिल रहे अपनेपन ने उन्हें जन-जन से जोड़ दिया था। सात बजे तक भी मोदी गोदौलिया नहीं पहुंच सके थे। इसलिए मोदी की यात्रा थोड़ी तेज हो गई। अस्सी से भदैनी तक उन पर जमकर फूल बरसे। अस्सी में भारतीय संस्कृति के प्रतीकों के साथ लोग खड़े थे। सोनारपुरा में तो अद़भुत मंजर था। उत्साह का आलम देखते ही बन रहा था पर, मदनपुरा में गंगा-जमुनी तहजीब जिंदा हो गई। मोदी की अगवानी में मुस्लिम समाज सबसे आगे था। यह पिछले पांच वषरें के विश्वास का नतीजा था। यह समाज अपने एमपी को फिर पीएम बनाने के लिए पूरे उत्साह से आगे आया। मुबारक अली ने कहा यह मोदी के भरोसे की जीत है क्योंकि उन्होंने बिना भेदभाव काम किया। मोदी मदनपुरा पहुंचे तो साढ़े छह बज चुके थे। यह सफर लोगों के उत्साह का गवाह बन गया।