कार्यकर्ता सम्मेलन में जेल की यातनाएं याद कर रो पड़ीं साध्वी प्रज्ञा, सुनाई दर्द भरी दास्तां

Update: 2019-04-18 15:54 GMT

मालेगांव बम धमाके की मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के संसद पहुंचने के सपने पर विराम लग सकता है। जमानत पर जेल से बाहर आकर उनके लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर धमाकों के एक पीड़ित ने आपत्ति जताई है। पीड़ित ने मामले में एनआइए कोर्ट में याचिका डाली है। उधर साध्वी प्रज्ञा ने एक कार्यकर्ता सम्मेलन में जेल में बिताए अपने दिनों को याद कर भावुक हो गईं।

कार्यकर्ता सम्मेलन में साध्वी प्रज्ञा ने अपने जेल के दिनों को याद करते अपना दर्द बयां किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को बताया कि जेल में किस तरह से उन्हें टॉर्चर किया जाता था। इस दौरान कई बार उनकी आंखें भर आईं। वह बार-बार अपने आंसू पोंछते हुए कार्यकर्ताओं को संबोधित करती रहीं।

साध्वी प्रज्ञा ने कहा, 'जब मुझे लेकर गए गैर कानूनी तरीके से 13 दिन तक रखा। पहले ही दिन बिना कुछ पूछे हुए, उन्होंने मुझे बुलाया, ढेर पुलिस थी और मुझे बुलाकर उन्होंने जो पीटना शुरू किया। उन्होंने मुझे चौ़ड़ी बेल्ट (फट्टे) से मारा, जिसमें लकड़ी का एक हत्था लगा होता है। उस बेल्ट से मारते थे। एक भी बेल्ट हाथ में पड़ता है तो पूरा सूज जाता है। आप अगर दूसरा बेल्ट झेल पाएंगे तो आपके हाथ फट जाएंगे। ये जो बेल्ट मारते थे पूरा नर्वस सिस्टम ढीला पड़ जाता था। सुन्न पड़ जाते थे। और ये दिन और रात पीटते थे। मैं आपके सामने अपनी पीड़ा नहीं बता रही हूं, लेकिन इतना कह रही हूं कि और कोई बहन आज के बाद कभी भी इस पीड़ा का सामना न कर सके। (साध्वी प्रज्ञा रोते हुए और आंसू पोछते हुए) इतनी गंदी गालियां देते थे, पीटते-पीटते। धमकाते थे उल्टा लटका देंगे। तुझे निर्वस्त्र कर देंगे। असहनीय है मेरे लिए कहना।'


मालूम हो कि भाजपा ने दो दिन पहले ही साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से अपना लोकसभा उम्मीदवार घोषित किया है। वह भोपाल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को टक्कर देंगी। पीड़ित ने साध्वी प्रज्ञा के भाजपा उम्मीदवार घोषित होने के बाद ये आपत्ति जताई है।

साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ एनआईए कोर्ट में आपत्ति दर्ज कराने वाले एक पीड़ित के पिता ने कहा है कि उन्हें अभी एनआइए कोर्ट से बरी नहीं किया गया है। पीड़ित ने उम्मीदवारी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि साध्वी प्रज्ञा ने अपनी जमानत में खराब स्वास्थ्य को भी एक अहम आधार बनाया था। ऐसे में उनका लोकसभा चुनाव लड़ना आपत्तिजनक है।

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