आरएलडी की पश्चिम यूपी में बढ़ती सियासी ताकत और जयंत चौधरी की डिमांड ने सपा को चिंता में डाल दिया

Update: 2021-08-25 05:03 GMT

अखिलेश ने भले ही जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल, संजय चौहान की जनवादी पार्टी और केशव मौर्य के महान दल के साथ चुनाव लड़ने के लिए हाथ मिला लिया हो, लेकिन सपा अपने सहयोगी दलों के साथ सीट शेयरिंग का फॉर्मूला अभी तक तय नहीं कर सकी

कृषि कानून विरोधी किसान आंदोलन से आरएलडी को सियासी संजीवनी मिल गई है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी की स्थिति मजबूत होती देख दूसरे दलों के नेताओं का रुख भी अब जंयत चौधरी की तरफ होने लगा है  आरएलडी पश्चिम यूपी में अच्छी खासी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है.  आरएलडी ने 65 से 70 विधानसभा सीटों की डिमांड कर रही है, जिस पर सपा अभी तक सहमत नहीं है.  आरएलडी की बढ़ी सियासी ताकत से जयंत चौधरी के हौसले काफी बुलंद हैं, जिसके चलते उनकी बार्गेनिंग पोजिशन भी बढ़ गई है. 

अमरोहा की नौगावां सादात, मथुरा की मांट, बागपत की बड़ौत, मेरठ की सिवालखास, सरधना, मुरादाबाद की काठ और मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट ऐसी हैं, जहां सपा और आरएलडी के बीच पेच फंसा हुआ है.  

जयंत चौधरी ने अखिलेश यादव को अपनी दावेदारी वाली सीटों की लिस्ट भेज दी है, उनमें बागपत, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, बिजनौर, मथुरा, हाथरस, बुलंदशहर, अमरोहा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, नोएडा और आगरा जिले की विधानसभा सीटें शामिल हैं. 

आरएलडी की पश्चिम यूपी में बढ़ती सियासी ताकत और जयंत चौधरी की डिमांड ने सपा चिंता में डाल दिया  पश्चिम यूपी में सपा का कोर वोटबैंक यादव बहुत ज्यादा नहीं है और सिर्फ मुस्लिम वोटों पर ही उसका आधार टिका हुआ है. अखिलेश यादव पश्चिम यूपी में भविष्य की राजनीति को लेकर भी नफा-नुकसान तौलने में जुटे हैं कि कहीं मुस्लिम वोट खिसकर आरएलडी का कोर वोटबैंक न बन जाए. सपा अपने कई नेताओं को आरएलडी के टिकट पर भी चुनाव लड़ाने पर विचार कर रही 

महानदल कुशीनगर, मिर्जापुर, अंबेडकरनगर, जौलान, मुरादाबाद, लखीमपुर, बदायूं, बरेली, कासगंज, मैनपुरी में हमारा सियासी आधार है. हम दस सीट लड़ेंगे 

 

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