जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का, फिर देखना फिजूल है कद आसमान का : पीएम

Update: 2019-06-25 13:08 GMT

लोकसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बात रखी। दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर मंगलवार को भी चर्चा हुई। पीएम मोदी ने चर्चा में भाग लेने वाले सभी सांसदों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने आपातकाल के बहाने विपक्ष को निशाने पर भी लिया। पीएम मोदी ने एक शेर के माध्यम से नई सरकार के उद्देश्यों की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा-

जब हौसला बना लिया उंची उड़ान का, फिर देखना फिजूल है कद आसमान का

पीएम मोदी ने कहा कि

राष्ट्रपति जी का अभिभाषण, देश के नागरिकों ने जिस आशा-आकांक्षाओं के साथ हमें इस सदन में भेजा है, उसकी एक तरह से प्रतिध्वनि है।

कई दशकों के बाद देश ने एक मजबूत जनादेश दिया है। एक सरकार को फिर से लाए हैं और पहले से ज्यादा शक्ति देकर लाए हैं। हम आने वाली हर चुनौती का सामना करने को तैयार हैं।

आज के सामान्य वातावरण में, भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में सबके लिए गौरव करने की बात है कि हमारा मतदाता कितना जागरूक है।

अपने से ज्यादा वो अपने देश से कैसे प्यार करता है, ये इस चुनाव में देखने को मिला है। इस बात के लिए देश का मतदाता अभिनंदन का पात्र है।

2019 का जनादेश पूरी तरह कसौटी पर कसने के बाद, हर तराजू पर तौलने के बाद, पल पल को जनता ने जांचा और परखा है और उसके आधार पर समझा है और तब जाकर फिर से हमें चुना है।

ये कोई जीत या हार का प्रश्न नहीं है। ये जीवन की उस आस्था का विषय है, जहां कमिटमेंट क्या होता, डेडिकेशन क्या है, जनता के लिए जीना-जूझना-खपना क्या होता है। ...और जब पांच साल की तपस्या का संतोष मिलता है तो वो एक अध्यात्म की अनुभूति कराता है।

मैं संतोष के साथ कह सकता हूं कि 70 साल से चली आ रही बीमारियों को दूर करने के लिए हमने सही दिशा पकड़ी और काफी कठिनाइयों के बाद भी उसी दिशा में चलते रहे। हम उस मकसद पर चलते रहे और ये देश दूध का दूध पानी का पानी कर सकता है ये सबने देखा।

हमने देश आजाद होने के बाद जाने-अनजाने में एक ऐसा कल्चर स्वीकार कर लिया था, जिसमें देश के सामान्य मानवी को हक के लिए जूझना पड़ता है। क्या सामान्य मानवी के हक की चीजें सहज रूप से उसे मिलनी चाहिए या नहीं। हमने मान लिया था कि ये तो ऐसे ही चलता है।

आज मैं संतोष के साथ कह सकता हूं कि कठिनाइयों के बावजूद हमने सही दिशा को छोड़ा नहीं।

आपातकाल की चर्चा कर कांग्रेस पर निशाना

PM Modi

PM Modi - फोटो : Twitter@bjp

पीएम मोदी ने आपातकाल की याद दिलाते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि

आज 25 जून है, 25 जून की रात, देश की आत्मा को कुचल दिया गया था। भारत में लोकतंत्र संविधान के पन्नों से पैदा नहीं हुआ है, भारत में लोकतंत्र सदियों से हमारी आत्मा है। किसी की सत्ता चली न जाए सिर्फ इसके लिए, उस आत्मा को कुचल दिया था।

इसमें जो भी भागीदार रहे, यह दाग कभी मिटने वाला नहीं है। न्यायपालिका का अनादर किया गया था। मीडिया पर ताला लगा दिया गया था।

यहां कहा गया कि हमारी ऊंचाई को कोई कम नहीं कर सकता, ऐसी गलती हम नहीं करते। हम दूसरे की लकीर छोटी करने में विश्वास नहीं करते, हम अपनी लकीर लंबी करने के लिए जिंदगी खपा देते हैं।

आपकी ऊंचाई आपको मुबारक हो। आप इतने ऊंचे चले गए हैं कि जमीन दिखना बंद हो गया है। आप इतने ऊंचे चले गए हैं कि आप जड़ों से उखड़ गए हैं। आप इतने ऊंचे चले गए हैं कि आपको जमीन के लोग तुच्छ लगने लगे हैं। आपका और भी ऊंचा होना मेरे लिए संतोष और आनंद की बात है।

आज 25 जून को लोकतंत्र के प्रति हमारे संकल्प को और ताकत के साथ समर्पित करना होगा। जो-जो भी इस पाप के भागीदार थे, ये दाग कभी मिटने वाला नहीं है। इस दाग को बार-बार इसलिए याद करने की जरूरत है ताकि फिर कोई ऐसा पाप न कर सके।

हमें इसलिए कोसा जा रहा है कि हमने फलाने को जेल में क्यों नहीं डाला। ये इमरजेंसी नहीं है कि किसी को भी जेल में डाल दिया जाए, ये लोकतंत्र है। ये काम न्यायपालिका का है। हम कानून से चलने वाले लोग हैं और किसी को जमानत मिलती है तो वो इंजॉय करे। हम बदले की भावना से काम नहीं करेंगे।

'जल संकट का दर्द समझा, मंत्रालय गठित किया'

पीएम मोदी ने कहा कि पानी की समस्या को समझते हुए हमने जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया। हमने इस बार जल शक्ति मंत्रालय बनाया है। जल संकट को हमने गंभीरता से लेना होगा। जल संचय पर हमने पूरा ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि

हिंदुस्तान में पानी के संबंध में जितने भी प्रयास किए गए थे, वो सारे काम बाबा साहब अंबेडकर ने किए थे। लेकिन जैसा मैंने पहले कहा शायद एक ऊंचाई पर जाने के बाद लोगों को दिखता नहीं है।

सरदार सरोवर बांध, सरदार पटेल का सपना था, लेकिन इस डैम पर काम में देरी होती रही। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में, मुझे इस परियोजना के लिए उपवास तक करना पड़ा था। एनडीए के सत्ता में आने के बाद इसके काम में तेजी आई और आज इससे लोगों को लाभ हो रहा है।

कांग्रेस ने मनमोहन सरकार की भी तारीफ नहीं की

पीएम मोदी ने कहा- मैं चुनौती देता हूं कि 2004 से 2014 तक शासन में बैठे हुए लोगों ने कभी अटलजी की सरकार की तारीफ की हो। उनकी छोड़ों, उन्होंने नरसिम्हा राव सरकार की भी तारीफ नहीं की। इस सदन में बैठे हुए इन लोगों ने तो एक बार भी मनमोहन सिंह जी की सरकार का भी जिक्र नहीं किया। उन्होंने प्रणव दा (पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी) के लिए भी कुछ नहीं किया।

'कुछ भी न बोलूं तो भी चलेगा'

पीएम मोदी ने कहा कि चर्चा की शुरुआत में पहली बार सदन में आए डॉ प्रताप सारंगी जी और आदिवासी समाज से आईं हमारी बहन हिना गावित जी ने जिस प्रकार से विषय को प्रस्तुत किया और जिस बारीकी से बातों को रखा, तो मैं समझता हूं कि मैं कुछ भी न बोलूं तो भी चलेगा। 

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