रंगभरी एकादशी : काशी में रंगोत्‍सव का चढ़ने लगा रंग

Update: 2019-03-17 08:08 GMT

काशी विश्‍वनाथ दरबार में रंगभरी एकादशी की परंपरा के निर्व‍हन के लिए तैयारियां शुरु हो गई हैं। इससे पूर्व शनिवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर परिसर स्थित महंत आवास पर शाम से ही मंगल गीतों से गूंज उठा। गौरा का गौना कराने ससुराल आए भोले बाबा ने कलेवा का स्वाद लिया। बरातियों ने भी इसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया। बाबा के गौना की बरात रविवार को रंगभरी एकादशी पर निकलेगी।

इसके लिए बाबा दो दिन पहले शुक्रवार को ही ससुराल आ गए हैं। शाम को बाबा विश्वनाथ के साथ आए गणों को पूड़ी-सब्जी समेत 11 तरह के पकवानों का भोग लगा कर कलेवा की रस्म निभाई गई। इस दौरान बाबा व माता पार्वती की गोद में प्रथम पूज्य गणेश की रजत प्रतिमाओं को एक साथ सिंहासन पर विराजमान करा कर पूजन-आरती की गई । महिलाओं ने अंखड सुहाग कामना के साथ विदाई गीत गाए।

एकादशी के समयानुसार विधान

ब्रह्म मुहूर्त : पूजन व राजसी श्रंगार सुबह

11 बजे : भोग आरती

11.30 बजे : पालकी दर्शन

12 बजे : विश्वनाथ मंदिर में भोग आरती और महंत आवास पर शिवांजलि

शाम पांच बजे : रजत पालकी 

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