उपभोक्ताओं को अब जल्दी ही बड़ी ताकत मिलने वाली है

Update: 2017-12-21 03:19 GMT
भारत में उपभोक्ताओं को अब जल्दी ही बड़ी ताकत मिलने वाली है. बुधवार की शाम कैबिनेट ने नए कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल को मंजूरी दे दी. इस बिल में उपभोक्ताओं की शिकायतों के निपटारे के लिए और साथ ही साथ भ्रामक प्रचार से निपटने के लिए कड़े उपाय किए गए हैं.
काफी समय से संसद में लटका था बिल
नया कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल काफी समय से संसद में लटका हुआ था और इसे अगस्त 2015 में ही केंद्र सरकार ने लोकसभा में पेश किया था. उसके बाद यह बिल स्टैंडिंग कमेटी के पास चला गया था. स्टैंडिंग कमिटी ने पिछले साल अप्रैल में ही अपनी रिपोर्ट दे दी थी. लेकिन स्टैंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बिल में इतने सारे परिवर्तन करने की सलाह दे डाली थी कि मंत्रालय ने नए सिरे से बिल लाना ही बेहतर समझा. 
उपभक्ताओं के हितों का रखा गया ध्यान 
बुधवार को कैबिनेट में नए बिल को मंजूरी दे दी गई है. इसलिए सरकार अब 2015 में लोकसभा में पेश किए गए बिल को वापस लेकर इसी सत्र में उसकी जगह यह नया बिल पेश करेगी. नए बिल में इस बात के इंतजाम किए गए हैं कि उपभोक्ताओं को अपनी शिकायतों के निपटारे के लिए इधर से उधर धक्का ना खाना पड़े. इस बिल में सेंट्रल कंस्यूमर प्रोटेक्शन ऑथरिटी बनाने का प्रावधान है जो उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए काम करेगी. 
भ्रामक प्रचार करने वाले भी नपेंगे 
यही नहीं कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल में भ्रामक प्रचार से निपटने का भी प्रावधान किया गया है और जो सेलिब्रिटी लोग बिना देखे समझे किसी सामान के बारे में झूठा दावा करेंगे उनके खिलाफ भी कार्रवाई का इंतजाम है. नए कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल में ऑनलाइन खरीदारी के मामले में ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी और खरीद से जुड़ी शिकायतों के निपटारे के लिए भी बेहतर इंतजाम किए गए हैं. 
शीतकालीन सत्र में बिल पास कराने की कोशिश 
हाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सम्मेलन में कहा था कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए नया कानून लाना इस सरकार की प्राथमिकता है. माना जा रहा है कि सरकार इसी शीतकालीन सत्र में इस बिल को पास करा कर इसे कानूनी रूप देने की कोशिश करेगी.

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