भारत, अमेरिका और जापान के नेवल एक्सरसाइज से घबराया चीन

Update: 2017-07-10 11:03 GMT
सिक्किम सीमा पर भारत-चीन में बढ़ती तनातनी के बीच सोमवार से भारत, जापान और अमेरिका का संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास शुरू हो गया। 'ऑपरेशन मालाबार' नाम से शुरू यह दुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक युद्धभ्यास है जो 10 दिनों तक बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर में चलेगा। तीन देशों के इस अभ्यास से बौखलाए चीन ने इसे अपनी सुरक्षा के प्रति खतरा बताया है। चेन्नई तट से बंगाल की खाड़ी तक हिंद महासागर में होने वाले इस युद्धाभ्यास में 20 जंगी जहाज, दर्जनों युद्धक विमान, पनडुब्बियां और टोही विमान शामिल हुए हैं।
भारतीय सेना का सिक्किम सीमा पर आक्रामक रुख देखते हुए इस अभ्यास को चीन के लिए सबसे बड़े खतरे के संकेत को रूप में बताया है। चीन के सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' की एक रिपोर्ट में इसे अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास मानते हुए अपनी घबराहट का प्रदर्शन किया है। अखबार के मुताबिक - 'चीन जब दोकलम में सड़क बनाना चाहता है तो भारत इसका यह कहकर विरोध करता है कि यह उसकी सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है, जबकि अब चीन के लिए भारत में हो रहे इतने बड़े युद्धाभ्यास से उसकी सुरक्षा को भी बेहद खतरा है।'
यद्यपि चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि उन्हें इस युद्धाभ्यास पर कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन अब चीन की ही कम्युनिस्ट सरकार के मुखपत्र ने इस पर बौखलाहट निकाली है। उसने कहा है कि - 'अमेरिका ने भारत को युद्धक सामग्री ढोने वाले लड़ाकू विमान देने की स्वीकृति दे दी है। भारत ये लड़ाकू विमान 365 अरब डॉलर में खरीद रहा है। इसके अलावा अमेरिका 2 अरब डॉलर के टोही ड्रोन भी भारत को देने जा रहा है, जो चीन के लिए खतरा है।' उसने लिखा है कि बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास करने से चीन के साथ बने व्यापारिक संबंध खतरे में पड़ सकते हैं।
युद्धाभ्यास में दुश्मन की पनडुब्बी को मार गिराने पर फोकस
भारत, जापान और अमेरिका के बीच बंगाल की खाड़ी में आज से शुरू युद्धाभ्यास का मुख्य फोकस एंटी सब-मरीन ऑपरेशन है। यानी दुश्मन की पनडुब्बी को किस तरह से मिलकर मार गिराया जा सकता है इस पर अभ्यास किया जाएगा। चीन हमेशा से ऐसे अभ्यास को संदेह के नजरिए से देखता है क्योंकि उसे लगता है कि यह सब उसे घेरने के लिए किया जा रहा है।
निमित्ज, इजुमो व आईएनएस विक्रमादित्य का जंगी प्रदर्शन
इस युद्धाभ्यास में अमेरिकी विमानवाहक पोट एफ-18 लड़ाकू विमानों से लैस होंगे। अमेरिका के विमानवाहक जहाज में 'निमित्ज' को भी शामिल किया गया है जो तकनीकी रूप से काफी उन्नत है। चीन को इससे ऐतराज है, जबकि जापान के 'इजुमो' और भारत के 'आईएनएस विक्रमादित्य' के अभ्यास में शामिल होने को लेकर भी चीन को आपत्ति है।
25 साल से लगातार चल हर साल चल रहा युद्धाभ्यास
भारत और अमेरिका के बीच वर्ष 1992 से हर साल मालाबार युद्धाभ्यास होता रहा है, लेकिन 2015 से जापान भी इस युद्धाभ्यास में नियमित रूप से भाग लेने लगा है। जापान ने इससे पहले भारत के साथ 2007 में भी संयुक्त सैन्य अभ्यास में भाग लिया था लेकिन बाद में वह कुछ साल तक इस युद्धाभ्यास में शामिल नहीं हो पाया था।

Similar News