शरीयत के दावा करस, करस खुब तंग-
कोटवा के निरनय आईल बोलती भईले बंद-
अब का करब ए हमीद तोहार धंधा भईल मंद-
तीनी बार तलाक कही के मारत रह ताला-
फिर तु करावत रह बीबी के हलाला-
कुरान के नामवा पर करत रहल लंद-फंद-
अब का करब ए हमीद तोहार धंधा भईले मंद-
सिखाई देहली तोहरा के शाहबानो शायरा-
छोड़ दकिआनुसी आ तु रह आपना दायरा-
अबो से सुधर जा ना त छिड़ल बाटे जंग-
अब का करब ए हमीद तोहार धंधा भईले मंद-
तीनी माह तेरह दिन में करत रह धोखा-
कईसन ई बनवले रह रूलवा अनोखा-
मोहतरमन के जिनगी करत रह भरभंड-
अबका करब ए हमीद तोहार धंधा भईलें मंद-
अपने तु राखत रह चार चार गो बीबी-
कहत रह मामला ई हऊवो हमार निजी-
आवते फैएसला तु काहे भईल रंज-
अबका करब ए हमीद तोहार धंधा भईलें मंद-
अमरेंद्र सिंह
आरा