इस चराचर जगत के समस्त बेलनखोर प्रेमियों के गुरुघन्टाल,
आध्यात्म की चर्णाश्रयी शाखा के पूज्य सद्गुरु,
मोतीझील मठ के महंथ श्रीमुख के प्रेरणाश्रोत,
मस्त कलंदर प्रेम धुरन्धर,
सौ सौ बार थुराने पर भी कोंय न करने वाले,
और प्रेयसी की झाड़ू से कभी न डरने वाले,
प्रेयसी के चरणों में ही आध्यात्म तलाशा जिसने,
सेवन कर के सीखी है बेलन की भाषा जिसने,
प्रेमाकाश के उन्मुक्त पक्षी,
बबिता चरणपादुका भक्षी,
बीडियो के प्रबल शत्रु,
देश में सियारों के सबसे बड़े काल,
बलिया की धरती के परम प्रिय लाल,
श्रीयुत आलोक पाण्डेय जी को उनके पैंतालिसवें जन्मदिवश पर मोतीझील मठ की ओर से बहुत बहुत शुभकामना।
आप युगों युगों तक प्रेमियों के आदर्श बने रहें, और प्रेम पथ पर सौ बार थुराने के बाद भी हिम्मत न हारने की प्रेरणा देते रहें।
आप मार खाते रहें, सहलाते रहें,
ताकि श्रीमुख जी जग को बताते रहें।
जय हो बबितेश्वर की...
बम बम बबिता, बम बबितेश
नाम जपत जो मिटे कलेश।
प्रेम ग्रन्थ के अद्भुत ज्ञानी,
बेलन खा के मांगे न पानी,
तुम शिक्षक दुनिया अज्ञानी
कृपा करो हे औघड़दानी,
हम जैसे सब भक्त जनों दया तुम्हारी बनी रहे,
और आप के ऊपर भी देवी की झाड़ू तनी रहे।
बम बम मोतीझील
सर्वेश तिवारी "श्रीमुख"
गोपालगंज