शादी विवाह के मौसम में गाँव में एंटी मैरिज स्क्वाड सक्रिय हो जाता है जिन्हें बियाह कटवा कहा जाता है ।एंटी मैरिज स्क्वाड में अधिकांश बेरोजगार लोग ही भर्ती होते हैं जो बिना वेतन के ही निस्वार्थ भाव से काम करते हैं ।ऐसे ही एक दस्ते में आलोक पाण्डेय जी तब भर्ती हो गये जब उनकी प्रेयसी, बबिता का विवाह पेशे से बी डी ओ, हरिहर ठाकुर से तय हो गया ।पाण्डेय जी इस हाई-प्रोफाइल विवाह को काटने के लिए अपना एड़ी-चोटी एक कर दिये ।उनके टीम में पाँच सदस्य, सर्वेश तिवारी श्रीमुख,Nityanand Shukla,siddharth Siddharth Priyadarshi Arvind Kumar Singhऔर Narendra Pandey थे ।बबिता बी डी ओ का विवाह काटने के लिए अपने पंच सहकर्मी गणों के साथ आलोक मिटिंग किये । मिटिंग में यह फाईनल हुआ कि अगले सोमवार को बी डी ओ के घर जाकर बबिता जी को कोई झूठी बिमारी से पीड़ित बता दिया जाय ।इस बात पर सभी ने अपनी हामी भरी ।मगर पुनः सर्वेश इस मौके पर आलोक पाण्डेय को थुरवाने का पीरोगराम सोच लिये।वे बुधवार को ही बी डी ओ के यहाँ जाकर सब बात बता दिये ।,-"ए बी डी ओ साहेब! हम राउर शुभचिंतक हई। आलोक पांडेय नाम का एक सनकी आपकी मंगेतर से पलंगतोड़ मुहबत करेला ।उ काल्हू राउर तय बियाह काटे खातिर आपन पाँच गो गुर्गन के संघे आयी ।"
इस तरह से सर्वेश ने बी डी ओ से सब रामकहानी एक ही साँस में कह दिया ।
बी डी ओ -"
गुस्से से आग बबूला हो गया ।और सर्वेश से कहा,-"आवे द पांडे के । काल्हू हम उनकर मिर्गी ना झार दिहनी त हमरो नाम हरिहर ठाकुर ना ।"
आलोक पाण्डेय और उनके सहकर्मी बंधुओ के मरम्मत के लिए बी डी ओ ने रविवार को ही वाराणसी से कुछ भाड़े के पहलवान बुलवा लिया।इधर चुपके से सर्वेश ने अपने प्रिय मित्र सिद्धार्थ और नरेन्द्र पाण्डेय से आलोक को थुरवाने वाली चाल के बारे में सब बता दिया । इसलिए शनिवार को ही किसी आवश्यक काम का बहाना बनाकर सिद्धार्थ मुम्बई चले गए ।और नरेंद्र पाण्डेय अपना पेट खराब होने का बहाना बनाकर घर पर रूक गये ।अब बच गए सर्वेश तिवारी, नित्यानंद शुक्ला जी,अरविंद सिंह दस्ते के हेड आलोक पाण्डेय ।तय कार्यक्रम के मुताबिक जैसे ही ये लोग बी डी ओ के दरवाजे पर पहुंचे,दैत्याकार पहलवानो ने सर्वेश को छोड़कर इन दोनों, आलोक पाण्डेय और नित्यानंद शुक्ल की वाशिंग पाउडर निरमा की तरह धुलाई की ।अच्छी धुलाई का प्रमाण तब मिला जब दोनों के मुँह से झाग निकला ।पाण्डेय जी के थुथुन पर जैसे ही पौने तीन किलो का हाथ पडा उनके सहकर्मी, सर्वेश, रेसर बाईक ,एपाची की तरह भाग खड़े हुए ।
नीरज मिश्रा
बलिया (उत्तर प्रदेश )।