"अजी सुनती हो! "
-"बोलिए ।"
-"मुझे अमेरिका जाने का आफर मिल रहा है ।पचास हजार डॉलर का सालाना पैकेज है ।"
-"मत जाइए जी । पैसा ही सबकुछ नहीं है ।हमारा एक ही बेटा है ।इसकी अच्छी परवरिश जरूरी है ।हमारे लिए यही धन है ।"
अपने, पति सावन के द्वारा विदेश में जाकर ज्यादा पैसे कमाने की बात पूछने पर उसकी पत्नी, फाल्गुनी ने मना कर दिया ।सावन भी अपनी पत्नी के सलाह पर अमल किया और दोनो अपने इकलौते बेटे,अमोल की अच्छी परवरिश किये ।कुछ वर्षों बाद अमोल आई आई टी करके नौकरी करने लगा ।शादी हो गयी ।उसको भी अमेरिका जाने का मौका मिला । वह जब अपनी से सलाह लिया तब उसकी पत्नी सुमन ने कहा
अमोल-"हैलो! डार्लिंग । हमे अमेरिका जाने का मौका मिल रहा है ।हैंडसम सैलरी मिलेगी ।"
सुमन-"ओ रायली ! चलो वहीं शिफ्ट हो जायेंगे ।"
अमोल -"मम्मी पापा को कहां रहेंगे ? "
सुमन -"वृद्धाश्रम में रख देंगे ।"
अमोल -"हां, तुम सही कह रही हो ।"
अपने बेटे और बहू की बात को सावन और फाल्गुनी दरवाजे की ओट से सुन रहे थे ।
नीरज मिश्रा
बलिया ।