अगर विश्व के पांच झूठ के अड्डों की खोज कि जाएं तो फेसबुक टॉप थ्री में स्थान जरूर बना लेगा। ई समझिए कि फेसबुको एकदम्मै झूठ्ठई का अड्डा है। इहाँ हर आदमी लगा हुआ है, बस एक-दूसरे की खुशामद में, जिससे कि अपना भी अकाउंट टाइट रहे मने पचास-सौ लाइक-कमेन्ट की मोहताजी न रहे। फेसबुक पर लाइक, कमेंट क्या हुआ लड़की के बिआह का न्योता हो गया...... एक सौ इक्यावन दो और वापसी की प्रतीक्षा करो... अगर वापसी बंद तो न्योता निमंत्रण दोनों बंद। आश्चयर्जनक तो तब लगता है कि जब हम अपनी प्रोफाइल पिक्चर चेंज करते हैं.... प्रोफाइल बदलते ही लाइक और कमेंट तो ऐसे मिलने लगते हैं जैसे जयमाल पर वर-वधु पर पुष्पों की वर्षा। समझ में नहीं आता कि ई अपने कर्म और योग्यता से मिल रहा है कि सूखा राहत कोष से पीड़ित किसान को मुआवजा। लाइक का मामला कब तीन सौ से पांच सौ पार कर जाता है कि पते नहीं लगता। कमेंट भी ऐसेे भारी-भरकम टपकने लगते हैं की खुदे नहीं यकीन होता की कब हम इत्ते हाईप्रोफाइल हो गये। अपनी तारीफ कि पचाना मुश्किल जाता है......शानदार, जानदार, जबरदस्त.. कयामत, कहर, nice, handsome, awesome amazing जैसे कई भाषा की बहुरंगी तारीफें, ठूंस-ठूंस कर बोरा में भरने से भी नहीं खत्म होतीं। मन चिंता के फन बना कर सोचने लगता है कि जब मामला इतना तूफानी है तो वरदेखूआ काहें न गिरते थे। काहें न कोई आपकी पैरवी के लिये दमदारी से खड़ा होता था।
अरे भैया...... एक न मिलेंगे......इ सब चने के झाड़ पर चढ़ा कर फसा देने वालों की फौज है।
बेचारे नये उमर के लड़के अपनी प्रोफाइल पर ऐसी घनघोर प्रतिक्रिया पाकर बेचैन हो जाते हैं और भावुक होकर अपनी भावनाओं का निवेश कर देते हैं अपनी प्रिय के लिये। लेकिन वहां तो गोटी पलट जाती है अगला गांधी जी का रिश्तेदार बनकर सच्ची बोल देता है और निवेशक लुटा-पिटा लौट कर चेंपने लगता है सेंटी शायरियाँ......
सच तो यह है कि फेसबुक पर सभी के लिए कुछ कठोर नियम की दरकार है। जिससे कि प्रेषक और दर्शक दोनों वास्तविक और सत्य से साक्षात्कार कर सकें।
निमय और शर्तें निम्नवत् है-
फेसबुक आईडी खोलने के नियम और शर्तें-
फेसबुक आईडी खोलने से पहले किसी संस्था अथवा अनुभवी फेसबुक यूजर से फेसबुक की बेसिक जानकारी अवश्य हासिल कर लें अन्यथा आप द्वारा प्रदर्शित काई भी चूक क्षम्य नहीं होगी एवं संस्था द्वारा यह माना जायेगा कि आपने इसे जानबूझकर प्रतिपादित किया।
2- एकाउंट खोलते समय भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्पष्ट एवं पठनीय आईडी अवश्य लगायें।
3-अपनी वास्तविक जन्मतिथि का अंकन करें भले ही आपके अंकपत्र में आपकी उम्र, वास्तविक से पांच वर्ष और पांच महीने घटा कर क्यों न अंकित हो। जिससे कि आपके शुभचिंतकों द्वारा प्रेषित शुभकामनाओं में व्यय समय और भावनाएं व्यर्थ न जाये।
प्रोफाइल फोटो लगाने सम्बन्धी नियम और शर्तें-
1- किसी सक्षम अधिकारी से प्रमाणित फोटो
नोट- फोटो एकल सामने की तरफ मुंह किये हुए, बाजूबंद कमीज के साथ होनी चाहिए।
2- किसी भी वाहन, रेस्तरां, पहाड़, झील अथवा किसी भी प्राकृतिक और आधुनिक बैकग्राउंड का फोटो के साथ प्रयोग पूर्णतया वर्जित है।
3-आफिस, दुकान, चैम्बर, कार, जिमनेजियम, पूजन अथवा ऐसी कोई भी क्रिया जिसका उद्देश्य आपके प्रदर्शन से जुड़ी है कदापि न करें।
4-किसी भी नेता, राजनेता, मंत्री, विधायक अथवा कोई भी ओहदेदार व्यक्ति के साथ की गयी फोटोग्राफी, जिसका उद्देश्य समाज में यह बताना है कि आपकी शासन, प्रशासन में अच्छी पैठ है। ऐसी फोटो भूलवश भी न लगायें।
5-प्रोफाइल पिक्चर परिवर्तन करने की न्यूनतम अवधि एक वर्ष होगी, वांछित समय से पहले प्रोफाइल पिक्चर बदलने का कोई प्रावधान नहीं है और किसी अपरिहार्य कारण (जैसे-विवाह आदि तय होने पर) प्रोफाइल पिक्चर बदलने की आवश्यकता हो तो एक लिखित प्रार्थना पत्र एवं 250₹ मात्र का डिमांड ड्राफ्ट फेसबुक कार्यालय प्रेषित करना होगा तदुपरान्त प्रोफाइल पिक्चर परिवर्तित की जायेगी नोट- परिवर्तित फोटो में भी उक्त नियम यथावत पालन किये जायेंगे।
6-रंगीन चश्मे या टोपी इत्यादि लगी फोटो मान्य नहीं होगी। यदि आप केश पतन से परेशान हैं या गंजे ही क्यों न हों, अपनी वास्तविक फोटो ही प्रस्तुत करें।
7-विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक चिन्ह वाली फोटो प्रेषित करें।
8- किशोर, किशोरियों युवक एवं युवतियों से सख्त निर्देश है कि अपनी चोंच वाली सेल्फी कदापि न डाले अन्यथा उन्हें पांच वर्ष की सदस्यता से वंचित कर दिया जायेगा।
फेसबुक संचालन संबन्धी नियम और शर्तें--
पारिवारिक एवं स्वयं की फोटो अथवा सेल्फी प्रकाशन का पूरे वर्ष में अधिकतम पांच अवसर प्रदान किये जायेंगे। पांच के बाद प्रति फोटो अथवा सेल्फी का सात ₹ प्रति फोटो की दर से आपके एकाउंट से काट लिया जायेगा।
भ्रमण आदि की केवल दो तस्वीर मान्य होगी किन्तु शर्त यह है कि लोकप्रिय एवं प्रचलित भ्रमण स्थलों की ही फोटो अपलोड करें ऐसा नहीं कि गाँव का पोखरा, ससुराल के बगीचे की फोटो लगाकर फेसबुक पर झोंक दें।
व्यक्तिगत क्रियाकलाप की फोटो जैसे-साइकिल चलाते हुए, कुत्ता टहलाते हुए, मस्ती करते हुए, बाज़ार से सब्जी लेते हुए, पानी-पूरी खाते हुए, फलाना जगह कार से जाते हुए, मन्दिर में प्रसाद चढ़ाते हुए जैसी फोटो अपने एलबम में लगायें और खुद ही देखदेख मुस्कुरायें क्योकी फेसबुक यह मानता है कि ऐसी फोटो समाज को कुछ दे नहीं सकतीं और आप केवल अपने विषय में मगन रहने वाले आत्ममुग्ध व्यक्ति हैं।
शार्टकट में bro, sis,gn8और RIP लिखकर समय बचाने वाले फेसबुक से दूरी बना कर रहें क्योंकि फेसबुक भावनाओं के अभिव्यक्तिकरण में समझौता कदापि बर्दाश्त नहीं करता।
रेस्टोरेंट में जाकर तुरन्त भौकाली फोटो खींचकर फेसबुक पर न डालें क्योंकि उसी समय कोई व्यक्ति जो नेनुआ रोटी खा रहा हो उसकी दो रोटी आपके इस दिखावे से घट सकती है। फेसबुक इस प्रकार के प्रदर्शन को मनोवैज्ञानिक शोषण की श्रेणी में रखता है।
किसी के जन्मदिन पर केवल शब्दों की कलाबाजी द्वारा जन्मदिन की बधाई दें।अपने गैलरी से केक निकाल कर बांटने की कोई जरूरत नहीं है। आप उतना ही लिखें जो वास्तव में भी आप दे सकने की क्षमता और भावना रखते हों अनावश्यक अपने प्रिय के जज्बातों से न खेलें।
उतनी ही राष्ट्रभक्ति और जज्बाती होने का परिचय दें कि जितना आप देश को दे सकते हैं केवल फेसबुक पर बकैती न करें।
किसी को टैग करते समय उसकी अनुमति अवश्य लें।अन्यथा टैग पीड़ित व्यक्ति की शिकायत की दशा में आपकी सदस्यता रद्द कर दी जायेगी।
दो पैग मारने के बाद फेसबुक पर सेंटी-सेंटी खेलने से बचें।
किसी की पोस्ट बिना पढ़े कदापि लाइक न करें क्योंकि ऐसी दशा में प्रेषणकर्ता द्वारा उक्त पोस्ट पर आपसे प्रश्न भी पूछा जा सकता है और आप द्वारा उसका उत्तर अपेक्षित है। संतोषजनक उत्तर न देने अथवा न दे पाने की दशा में फेसबुक यह मान लेगा कि आप आत्ममुग्ध हैं और औपचारिक वर्ताव रखते हैं ऐसे में आपकी सदस्यता पर प्रश्न चिन्ह लग सकता है।
यदि आपके अन्दर इतना साहस है कि कपड़ा धोते, गेंहूं पिसाते, गोबर उठाते आदि की फोटो लगा सकें तभी कार वाली फोटो भी लगायें। केवल मलाईदार फोटो से बचें।
दूसरे की पोस्ट पर अपना नाम चेपने से बचें, क्योंकि फेसबुक नियमावली में यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
अपने जन्मदिवस, सालगिरह अथवा धार्मिक, जातीय, राष्ट्रवादी एवं किसी प्रकार की उपलब्धियों पर फेसबुक आपको यह अधिकार कदापि प्रदान नहीं करता कि आप अपने लिये आशीर्वाद की आकांक्षा रखे क्योंकि यह हमारे परिवार का व्यक्तिगत विषय है कि वह किसे शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद प्रेषित करे। किसी भी यूजर को आप भावनात्मक रूप से ऐसा करने के बाध्य नहीं कर सकते।
और अंत में सबसे महत्वपूर्ण यह कि फेसबुक एक आभासी दुनिया है और इस आभासी नियम-कानूनों को आभासी मानकर झोंक दें एक शानदार प्रोफाइल पिक्चर और गिने दिन-भर रात like, comments और तारीफों के पुल.... और रखा भी क्या है इस जिन्दगी में।
रिवेश प्रताप सिंह
गोरखपुर