जोगी बिरजाभार इन यूपी.....

Update: 2017-07-09 11:38 GMT
ए किया हो रामा.... आरे फूलपुर से चललें बिरजाभार नु रे कीsssss

तो भाइयों भौजाइयों....... इस तरह खंजड़ी ले कर जोगी बिरजाभार फुलिया फुलेसरी नाम की जादूगर बहिनों के जाल से निकल कर आगे बढ़ते हैं।
जोगी बिरजाभार को जल्दी से जल्दी अपने गुरु गोरखनाथ से मिलने गोरखपुर पहुचना है। जोगी अभी गोरखपुर से पाहिले देवरिया जिला से गुजर रहे हैं। एक गांव से गुजरते जोगी को एकाएक कोई तेज हाँक लगाता है- ऐ जनता ऐ.... अरे होने केने जाता है रे? हेने आओ हेने खटिया पर बैठो।
खटिया देख कर जोगी को अपनी रानी हेवंती का मुखड़ा याद आता है। धर्म के लिए रानी का सेज छोड़ आए जोगी को खटिया से क्या मोह, वो सर हिला कर बढ़ने लगते हैं।
अचानक पीछे से आवाज आती है- ऐ आम जनता, हम तुम्हारा कुल्ह कर्जा माफ़ कर देंगे, खाली एक बेर हमारे खटिया पर बैठ के गा दो, सरकाई लियो खटिया झाड़ा लगे.........
जोगी तनिक मस्त मूड में आ चुके हैं, कहते हैं- देखिये नेता जी, हमको चार दिन से खाना नही मिला है तो हमको झाड़ा कैसे लगेगा? आपको झाड़ा लगा हो तो खटिया सरका के फिरते रहिये। हमको जल्दी से जल्दी सोरठपुर जाना है।
नेताजी फिर हाँक लगाते हैं- अरे सुनो तो, तुम तो बाभन बुझाते हो, हेने आओ हम तुमको बाभन कंडिडेट मुख्यमन्त्री देंगे।
- जोगी अब मुस्कुरा उठे हैं। कहते हैं- अगर सोना के तलवार से किसी का गर्दन काटो तो कम दुखाता है का नेताजी? नेता जी अभी जोगी के बात का अर्थ बुझने की कोशिश कर रहे हैं, पर रमता जोगी तो बहता पानी...
आरे इंहवो से चललें बिरजाभार नु रे कीssss

जोगी सोरठपुर की राजकुमारी की याद में जलते आगे बढ़ रहे हैं, अचानक फिर उनके कानों में आवाज आती है- अरे ए जोगी, होहर कहाँ जात हवs हो, हेहर आवs हेहर....
जोगी घूम के देखते हैं- बड़ी सी परती में तीन आदमी सर पर नेता टोपी लगाये झाड़ू घुमा रहे हैं। जोगी समझ गए हैं कि ये नई अदा के ईमानदार हैं, बकवास की ठेकेदारी वाले... गांव गांव घूमते जोगी के कानों में आजकल राजनीतिक ख़बरें भी आती हैं। जोगी महटिया के आगे बढ़ रहे हैं। झाड़ू वाले फिर आवाज लगाते हैं- अरे हो बाबा, अरे हेहर आवs हम फिरी में तोहर राशन कार्ड बना देहब, फिर भीख ना मांगे के परी....
एकएक सहम जाते हैं जोगी, मन ही मन गाली देते हैं- हे भगवान, अब मर्दों का भी राशन कार्ड बनाने लगा का ई सरवा सब.... हे गुरु गोरखनाथ, रच्छा करो महाराज...
जल्दी जल्दी कदम आगे बढ़ाते जोगी भागते हैं, उधर पीछे झाड़ू वाला गुस्सा के कहता है- ई मोदिया हमको राशन कार्ड बनाने नही दे रहा है जी...,.,,,,,.
अरे इंहवो से चललें बिरजाभार नु रे कीssss

आगे बढ़ते जोगी गोरखपुर शहर के नजदीक पहुच रहे हैं। शहर की सीमा से पहले हीं एकाएक सैकड़ों साईकिल सवार घेर लेते हैं उन्हें। जोगी भौंचक हैं, तभी एक सवार उन्हें धक्के मार कर गिरा देता है। भौचक जोगी अपना धूल झाड़ते हैं तभी दूसरा सवार आवाज देता है- ऐ ओगी आवा, इअर आओ... च्चों से अल्तियां ओ जाती हैं। इअर आओ, अम तुमको समाजवाद देंगे।
समाजवादी गलती को याद कर जोगी फिर सहम जाते हैं और धीरे से घसकना चाहते हैं, पर बूढ़ा सवार फिर आवाज देता है- ऐ ओगी, अम तुमको लैपटॉप देंगे। उसमे तुम अमाजवादी गलती देखना। ऐने आओ......
अचानक एक सवार जोगी की धोती खीच कर कहता है- ए महाराज, तनिक तोहर पिछवाड़ देखें हो.... सारे सवार मजे ले रहे हैं।
मुस्कुराता बुजुर्ग फिर कहता है- अच्चों से अल्तियां हो जाती हैं।
दौड़ कर भाग रहे हैं जोगी। मन ही मन रो रहे हैं जोगी। संसार से विरक्त लोगों को भी नही छोड़ते लोग....
जोगी आगे बढ़ते हैं तब तक एक बड़ा हुजूम दीखता है उन्हें, जय भीम जय मीम के नारे लगाता हुआ। जोगी मुस्कुराने लगते हैं। जोगी को लगता है जैसे यह भीड़ उनकी कहानी सुना रही हो। जोगी बिरजाभार के मामा राजा खेखरमल अपने ऊपर लगे शाप को दूर करने के लिए अर्थात कोढ़ ठीक करने के लिए अपने भांजे राजकुमार बिरजाभार को भेज दिए हैं सोरठपुर। बिरजाभार की नवव्याहता दुल्हन सुहाग की सेज पर उसका इंतजार कर रही है और वह जोगी बना जंगल जंगल घूम रहा है। जोगी ज्ञानी है, उसे दीखता है कि इस भीड़ के कुछ लोग अपने फायदे के लिए दूसरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। जोगी जानता है कि मीम कभी भी भीम का साथ नही देगा, वह सिर्फ फूट डाल कर राज करना चाहता है, पर कौन सिखाये..........
अचानक जोगी के सर पर एक पत्थर आ कर लगता है, फेकने वाला चिल्ला रहा है- तुम बिदेशी हो हम मूल निवासी हैं।
जोगी मुस्कुरा उठा है- बिदेशी कौन है यह तो दिख रहा है, पर कौन समझाए.....
बीच से कोई नेता आवाज देता है- ए जोगी बाबा, तनिक हमार हाथ तो देख के बताओ, हम बिधायक बनूँगा कि नही?
जोगी देख रहा है- इनके अंदर का भारत मरा नही है, बस इन्हें भी किसी हिरिया-जिरिया ने कैद कर तोता बना लिया है शायद....
जोगी जल्दी से भागता हैं।
मामा ना हउअ ए मामा हउअ दुश्मनवा हो... नेतवन के फेर में फंसावेलsss हो की......
ए किया हो रामा........
आगे बढ़ते जोगी गोरखपुर में घुस चुके हैं। शाम हो गयी है सो एक जगह रुक कर लिट्टी लगा रहे हैं जोगी...... अचानक पीछे से आवाज आती है- लाल सलाम कामरेड जोगी....
जोगी मुड़ कर देखते हैं- दारू पी कर टुन्न कुछ युवाओं का समूह.... मुस्कुरा कर कहते हैं, मस्त रहो बच्चा।
युवक गुस्से में आ गया है शायद। कहता है- ई बुर्जुआबादी आशीर्वाद मत दो बुढ़ऊ, लाल सलाम कहो....
जोगी के आगे लिट्टी पक चुकी है, वे अब मजे के मूड में हैं। कहते हैं-लाल प्रणाम....
युवक पिनक चूका है, प्रणाम नही सलाम कहो, नही तो तुम्हारी सारी धर्मान्धता निकाल देंगे।
जोगी मुस्कुरा के कहता है- प्रणाम धर्मान्धता है और सलाम ठीक? गज़ब है बच्चा....
मामले को बढ़ते देख एक बुजुर्ग टोपीदार कहते हैं- देखो जोगी बाबा, हमारी पार्टी में आ जाओ हम तुमको शोषण से, कुपोषण से मुक्ति दिलाएंगे।
जोगी मुस्कुरा कर पूछते हैं- ई शोषण और कुपोषण दुनु साढ़ू भाई हैं का?
- अरे बकवास छोडो- साम्यवाद ही तुमको पूंजीवाद, बुर्जुआवाद, द्वंदात्मक भौतिकवाद से मुक्ति दिला सकता है। हमारी पार्टी में आ जाओ जोगी, हम तुमको वेटिकन से संत घोषित करवा देंगे।
बड़े दिनों बाद आज जोगी खुल कर हँसा है। वेटिकन के बड़े पोप खान से ज्यादा चमत्कार भारत में तेलहवा बाबा या मोतीझील वाले बाबा कर देते हैं बच्चा, हमे वेटिकन से कोई उपाधी न चाहिए। हाँ एक बात बता दो, ये साम्यवाद, पूंजीवाद, बुर्जुआवाद, द्वंदात्मक भौतिकवाद क्या है?
- अरे जोगी, ये सब बिचार हैं।
- ओ... हम बुझे कि ई सब तुम्हारे अजियाससुर ममियाससुर और फुफुआससुर लोग का नाम है।
बुजुर्ग क्रोधित हो गए हैं। जोगी चुपके से बाबा गोरखनाथ के मठ की ओर निकल रहे हैं।
गोरखनाथ मठ की गली में जोगी देखते हैं, बड़े बड़े झंडे के साथ कुछ युवक बिदेशी कंपनियों के ब्रांडेड जूते, जीन्स शर्ट और बिदेशी चश्मा पहने भारत माता की जय के नारे लगा रहे हैं। मुस्कुराते जोगी बगल से निकलना चाहते हैं तो कोई फब्ती कस्ता है- क्यों जोगी बाबा? साले बच कर निकल रहे हो, तुम जैसे हिजड़ों के कारण ही हिन्दू ख़त्म हो रहे हैं।
जोगी अनसुना कर के किनारे से निकल कर मठ में घुसते हैं और महागुरु गोरखनाथ के चरणों में गिर परते हैं। अपने प्रिय चेला को गले लगा कर जब गोरखनाथ आने का कारण पूछते हैं तो जोगी कह उठते हैं- हमारी छोड़िये गुरुदेव, हमे यह बताइये कि इस उत्तम प्रदेश की यह दशा कब तक रहेगी?
मुस्कुराते गोरखनाथ उत्तर देते हैं- जिस दिन हर गांव में फिर से तुम्हारे जैसे जोगी जन्म लेने लगेंगे, उस दिन यह प्रदेश फिर से उत्तम प्रदेश हो जायेगा चेला।

सर्वेश तिवारी श्रीमुख
गोपालगंज, बिहार।

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