पितृ पक्ष में भागवत कथा सुनने से पितरों को मिलती है शांति : स्वामी रवि गिरी

Update: 2024-09-20 05:10 GMT

आनंद गुप्ता/के0के0 सक्सेना

श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के तत्वावधान में पित्रों के मोक्ष हेतु आयोजित 16वां श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का शुभारंभ नगर में स्थित बाबा श्री सिद्धनाथ धाम मठ मंदिर में शुरू किया गया। इससे पूर्व मंदिर प्रांगण से महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली। शहर के मुख्य बाजारों से गुजरती हुई पुनः पाण्डव कालीन सिद्धनाथ मंदिर में संपन्न हुई।

कायर्क्रम की जानकारी देते हुए

नागा बाबा ह्रदेश गिरी एवं नागा साधु उमाकांत गिरी ने संयुक्त रूप से बताया कि सप्तम दिवसीय यह ज्ञान यज्ञ कथा सायं 4 बजे से शुरू होगी और कथा उपरांत भक्तों को प्रसाद वितरण किया जावेगा।

जिसके कथाव्यास महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी रवि गिरी जी महाराज जी हैं। आज प्रथम दिवस पर स्वामी जी ने श्रद्घालुओं से सामाजिक बुराइयां त्यागकर नेक कार्य करने तथा गौ सेवा के लिये प्रेरित किया। महामंडलेश्वर स्वामी गिरी जी ने कहा कि पितृ पक्ष में श्रीमद्भागवत कथा का सुनने का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा की पितृ पक्ष में कथा का श्रवण करने से पितरों को शांति मिलती है वहीं यह उनके परिवार के लिए पुण्यदायी भी रहती है। उन्होंने कहा कि श्रद्घा भाव से पितरों के पूजन तर्पण से मानव को सुख समृद्घि की प्राप्ति होती है। मनुष्य देवच, पितृ तथा ऋषि ऋणि होता है,भागवत सुनने से उन्हें इन ऋणों से मुक्ति मिल जाती है। स्वामी जी ने चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि लोग अपनी संस्कृति व सभ्यता को झूलते जा रहे हैं। लोगों पितरों के तर्पण -श्राद्ध का विधि विधान से पालन करना चाहिये ताकि उनके पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होगी।स्वामी जी ने भजन कीर्तन के माध्यम से गीता का लाभ लेने की भी विधि बताई। कार्यक्रम की व्यवस्था को सुचारू रूप से संभालने में आजमगढ़ की मुख्य यजमान श्रीमती सुनीता तिवारी, श्री मती पुष्पा मिश्रा,चहलारी नरेश के वंसज आदित्य भान सिंह, संजय जयसवाल, संदीप सिंह, हरजीव अग्रवाल, शैलेन्द्र गुप्ता सहित अनेक श्रद्घालुगण व महिलाएं अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे थे।

भागवत कथा व शुभारंभ से पहले नगर में कलश यात्रा व शोभायात्रा बाबा किशोरी गिरी जी कोठारी की अगुवाई में निकाली गई।

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