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व्यंग ही व्यंग

अवस्था है फटेहाल....मलिन हो गए त्योहार : अभय सिंह

अवस्था है फटेहाल....मलिन हो गए त्योहार : अभय सिंह
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यह है अनिष्ठ साल।

बनकर आया काल।।

जेब में न फूटी कौड़ी।

अवस्था है फटेहाल।।

मलिन हो गए त्योहार।

जनमानस हैं लाचार।।

यह जो घटनाक्रम।

अभी भी बरकरार।।

लोग हैं असहाय।

हुआ बुरा हाल।।

भयावह स्थिति।

संकट में नमक,रोटी, दाल।।

कैसे होगी गुजर बसर?

कब तक चलेगा ये सफ़र?

धूमिल हुई उमंग।

त्रासदी मानो जंग।।

नज़ारा है तबाही।

उत्सव किया बदरंग।।

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