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मैं ही लोजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष, पार्टी को तोड़ने की कोशिश में है जदयू

मैं ही लोजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष, पार्टी को तोड़ने की कोशिश में है जदयू
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चिराग ने कहा, जब मेरे पिता (रामविलास पासवान) अस्पताल में भर्ती थे तब कुछ लोगों ने पार्टी को तोड़ने की कोशिश की थी। मेरे पिता ने चाचा पशुपति कुमार पारस समेत अन्य पार्टी नेताओं ने इस बारे में बात भी की थी। उन्होंने कहा कि लेकिन कुछ लोग उस संघर्ष के लिए तैयार नहीं थे जो उन्होंने किया था।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाए जाने को लेकर पासवान ने कहा कि ऐसा सुनने में आया है कि मुझे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है। उन्होंने कहा, लेकिन पार्टी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष को उसी स्थिति हटाया जा सकता है जब या तो उसकी मृत्यु हो जाए या वह इस्तीफा दे दे।


चिराग पासवान ने कहा कि जब मेरी तबीयत खराब थी तब इन लोगों ने मिलकर साजिश की। मैंने तब अपने चाचा से बात करने की कोशिश भी की थी लेकिन उनसे बात ही नहीं हो पाई। चिराग ने कहा कि सदन के नेता की नियुक्ति संसदीय समिति के फैसले के आधार पर होती है, न कि सांसदों के चाहने से।

उन्होंने कहा कि जब मेरे पिता और दूसरे चाचा का निधन हुआ तो मैं अपने चाचा (पशुपति कुमार पारस) की ओर देख रहा था... मैं तब अनाथ नहीं हुआ जब मेरे पिता की मृत्यु हुई थी। लेकिन, मैं तब अनाथ हो गया जब मेरे चाचा ने मेरे साथ ऐसा किया।

बता दें कि मंगलवार को लोजपा की राष्ट्रीय कार्य समिति की एक आपातकालीन बैठक में चिराग पासवान को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाने का फैसला किया गया था। वहीं, उन्हें पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से भी हटा दिया है और लोकसभा में पार्टी की कमान बागी चाचा पशुपति को सौंपी गई है।


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