विधानसभा उपाध्यक्ष चुनाव में नितिन अग्रवाल ने दर्ज की जीत
लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष चुनावों में भी बीजेपी ने बाजी मार ली है, नितिन अग्रवाल ने उपाध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की है. उन्हें विधानसभा का उपाध्यक्ष चुन लिया गया है. गौरतलब है कि नितिन अग्रवाल के सामने सपा के उम्मीदवार नरेंद्र सिंह वर्मा थे. उपाध्यक्ष पद के लिए कुछ 368 मत डाले गए. इनमें से चार मत अवैध घोषित कर दिए गए. वहीं नरेंद्र सिंह वर्मा को 60 मत मिले, नितिन अग्रवाल ने 304 मतों के साथ जीत दर्ज करवाई.
वहीं शिवपाल सिंह यादव और ओमप्रकाश राजभर सदन में नहीं आए और इन दोनों ने ही अपना वोट कास्ट नहीं किया. वहीं ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के तीन विधायकों ने ही अपना वोट कास्ट किया है.
अब नितिन के विधानसभा उपाध्यक्ष बनने से वैश्य समाज में अच्छा संदेश जाएगा और बीजेपी को इस वर्ग को साधने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी. साथ ही पार्टी को वैश्य वर्ग में एक युवा चेहरा भी मिल गया. वहीं समाजवादी पार्टी ने वर्मा को इस सोच के साथ उतारा था कि बीजेपी को घेरने में आसानी होगी और फॉरवर्ड बनाम बैकवर्ड कार्ड खेला जाएगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. सपा चुनाव के जरिए पिछड़ी जातियों को भी संदेश देना चाहती थी कि बीजेपी के लिए उनके मायने नहीं हैं लेकिन सपा अपना संदेश देने में कामयाब नहीं हो सकी.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव 14 सालों बाद हुआ है. इससे पहले बीजेपी के राजेश अग्रवाल को इस पद के लिए जुलाई 2004 में निर्विरोध चुना गया था और उनका कार्यकाल मई 2007 तक था. इसके बाद, विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ था. उल्लेखनीय है कि विधानसभा में वर्तमान समय में बीजेपी के 304, समाजवादी पार्टी के 49, बहुजन समाज पार्टी के के 16, अपना दल के नौ, कांग्रेस के सात, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार, निर्दलीय तीन, असंबद्ध सदस्य दो और राष्ट्रीय लोकदल तथा निषाद पार्टी के एक-एक विधायक हैं.