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उत्तर प्रदेश

चन्दौली: दूसरे राज्यों से वापस लौट रहे प्रवासी श्रमिक संडे लॉकडाउन में फंसे, किराए के नाम पर हो रही लूट

चन्दौली: दूसरे राज्यों से वापस लौट रहे प्रवासी श्रमिक संडे लॉकडाउन में फंसे, किराए के नाम पर हो रही लूट
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चंदौली. उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अहम और बड़ा फ़ैसला लिया है. यूपी में सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में शनिवार रात आठ बजे से सोमवार सुबह तक लॉकडाउन लगाया गया है. कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लगाए गए इस कर्फ्यू का असर उन प्रवासी मजदूरों पर पड़ रहा है जो गुजरात, महाराष्ट्र जैसे शहरों से अपने घर वापस लौट रहे हैं. पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन पर पहुंचे सैकड़ों की संख्या में प्रवासी मजदूर संडे लॉकडाउन में फंस गए. अब घर पहुंचाने के लिए ऑटो वाले उनसे मनमाना किराया वसूल रहे हैं.

दरअसल, कोरोना कर्फ्यू का असर चंदौली में भी देखने को मिल रहा है. यहां सुबह से ही दुकानें बंद हैं, केवल आवश्यक सेवाओ को ही छूट मिली हुई है. पुलिस की गाड़ी घूम-घूम कर लोगों से घर में रहने की अपील कर रही है तो पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन से श्रमिकों का आना शुरू हो गया है. पुणे, महराष्ट्र, गुजरात और सूरत से श्रमिक लौट रहे है. इस बीच संडे लॉकडाउन में फंसे यात्रियों से किराए के नाम लूट भी शुरू हो गयी है.

इन राज्यों से पहुंच रहे मजदूर

यूपी सरकार की ओर से रविवार के दिन लोगों को घरों में रहने को कहा गया है. हालांकि मिनी महानगर में स्थितियां कुछ अलग दिख रही है. पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन के सामने यात्रियों की भीड़ लगी हुई है. लोगों ने बताया कि वह गुजरात, पुणे, सूरत और महराष्ट्र जैसी जगहों से लौटे है, जहां कोरोना की वजह से स्थितियां बिगड़ गयी है. लोगों को मजबूरन लौटना पड़ा रहा है. पुणे से लौटे श्रमिक धर्मेंद्र और सूरज बता रहे है की पुणे में कोरोना जानलेवा हो गया है. फैक्ट्री बंद हो गयी है. कोरोनकाल में वहां रहना और खाना पीना दुश्वार हो गया, इसलिए लॉट आये है और जौनपुर अपने पैतृक आवास जा रहे है.

ऑटो चालकों ने आपदा में अवसर तलाशा

वहीं संड लॉकडाउन को देखते हुए मौका देख ऑटो चालकों ने आपदा में अवसर तलाश लिया है. लॉकडाउन के चलते पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन के बाहर ऑटो चालक यात्रियों से मनमाना रुपया वसूल रहे है. यात्रीयो ने बताया कि 30 रुपये किराए की जगह 100 रुपये वसूले जा रहे है. न तो जिला प्रशासन और नही रेलवे के अधिकारी इस मामले का सज्ञान ले रहे हैं. हालात यह है कि इनको किसी तरह अपने गंतव्य पर पहुंचना है. धर्मेंद्र और सतीश सूरत से लौटे है. उन्होंने बताया कि मुग़लसराय स्टेशन के बाहर काफी देर से खड़े है. गुजरात मे फैक्ट्री बंद हो गयी है. साथ ही बहन की शादी भी है. घर जाना ही है लेकिन संडे लॉक डाउन में फंस गए हैं. अब ऑटो चालक मनमाना किराया मांग रहे है.

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